बिहार के मुजफ्फरपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर अय्याशी के गंदे खेल का शिकार हुई पीड़िताओं ने एनडीटीवी को अपनी आपबीती सुनाई और बताया कि कैसे नौकरी का झांसा देकर उनके साथ यौन शोषण हुआ. पुलिस में तीन पीड़ित लड़कियों में अपना बयान दर्ज कराया है. पीड़िताओं के अनुसार, कंपनी की आड़ में बेरोजगार युवाओं को फंसाया जाता है. ब्लैकमेलिंग और मारपीट के साथ युवतियों का यौन शोषण होता है. DVR नाम की मार्केटिंग कंपनी सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को फंसाती है.
एक पीड़िता ने एनडीटीवी को पूरी कहानी बताई की कैसे सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती ने उन्हें बर्बाद कर दिया. पीड़िता ने बताया कि उस समय मेरा ग्रेजुएशन का दूसरा साल चल रहा था और जब साल 2022 में मेरे फोन पर तिलक सिंह नाम के एक व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी. मैंने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली थी. बातचीत के दौरान उसने पूछा क्या कर रही हो, मैंने बताया कि मैं अभी पढ़ाई कर रही हूं और नौकरी की तलाश में हैं.
पीड़िता के अनुसार... आरोपी ने उससे बोला कि उससे अच्छी नौकरी यहां पर हैं, तुम यहां मुजफ्फरपुर में नौकरी कर सकती हो, यहां हॉस्टल हैं... नौकरी के दौरान तुम आसानी से पढ़ाई भी कर सकती हो. ऑफिस में पांच से छह घंटे ही काम है. इससे ज्यादा काम नहीं हैं. पीड़िता ने कहा, हमें लगा कि हम पढ़ाई के दौरान काम भी कर सकते हैं. इसलिए हम यहां से मुजफ़्फ़रपुर चले गए.
पीड़िता ने आगे बताया कि हमें ऑफिस ले जाया गया और 500 रुपये दिए गए. हमें कोई फॉर्म नहीं मिला, उन्होंने बोला इसका एग्रीमेंट बनता है. लेकिन हमें कोई एग्रीमेंट नहीं मिला. यहां पर लगभग पांच सौ से ज्यादा बच्चे आते थे. यहां यही सिखाया जाता था की फ्रॉड कॉल कैसे किया जाता है. अपनी बात कैसे मनवाना है या लोगों को कैसे बुलाना है.
"मेरे साथ की गई जबरदस्ती"
पीड़ता ने आगे कहा कि दो से ढाई महीने तक काम किया लेकिन सैलरी नहीं मिली. सैलरी मांगने पर कंपनी के मालिक और तिलक सिंह ने कहा कि तुम यहां 10 से 12 आदमी बुलाओ तो तुमें 50 हजार मिलेगा. कंपनी के शेयर धारकों बन जाओगी. हमने बोले की हमें आता नहीं है, आदमी बुलाना... तो बोला की दो से ढाई महीने तक तुमने क्या सीखी. इस बीच तिलक सिंह तीन से दो बार मेरे कमरे पर आया, मेरे साथ जबरदस्ती की. DVR के CMD से जब हमने शिकायत की तो वो तिलक के साथ कमरे पर आए. इन लोगों ने शादी का हल निकाला. इस बात के लिए तिलक सिंह मान गया और मेरे कमरे पर आता रहा.
"तीन बार हुई गर्भवती"
पीड़िता के मुताबिक इस बीच वो तीन बार गर्भवती हो गया. ये बात बताने पर उसे दवाई दे दी गई. पीड़िता ने कहा. उसी बीच साल 2023 में मुजफ्फरपुर में छापा पड़ा. उसके बाद ये मुझे हाजीपुर लेकर चला गया. वहां पर ले जाने के बाद मुझे तिलक एक से दो दिन अपने कमरे पर ले गया. वहां पर हृदयनंद हरेराम, विजय कुशवाहा, कन्हैया कुसाजूद था... इन लोगों ने जबरदस्ती मेरी तिलक से शादी करवा दी . शादी के बाद तिलक सिंह फिर मुझे तंग करने लगा और कहने लगा की तुम फिर से आदमी बुलाओ. नहीं बुलाने पर मारपीट भी होती थी. फिर इसी बीच हम मौका देख के वहां से निकल गए. हमने इनके खिलाफ केस कर दिया. इस दौरान मेरे को किडनैप भी किया. केस वापस लेने के लिए ये लोग आज भी हमारे घर पहुंचकर धमकी देते हैं.
दूसरी पीड़िता की आपबीती...
यौन शोषण का शिकार हुई दूसरी पीड़िता ने बताया कि ये लोग नौकरी के नाम पर बुलाया करते थे और ट्रेनिंग में यही सिखाया जाता था कि एक दूसरे को कैसे बुलाना है. जब नहीं कोई बुलाता था तो उसके साथ मारपीट यही सब होता था. कोई एक से दो व्यक्तियों को हमने बुलाया था. उसके बाद नहीं बुलाने के कारण मुझे एक बार पीटा गया. दूसरी बार फिर हमने अपनी भाभी और भाई को बुलाए... उनको भी टॉर्चर किया गया. उनको कहा गया कि तुम भी बुलाओ. इस बीच फिर मेरे साथ मारपीट हुई. उसका वीडियो है. मैंन पहले चार-पांच लड़कियों को बुलाया था. उसके बाद से बुलाना बंद कर दिया. हमें यही सिखाया जाता था कि एक दूसरे को कैसे बुलाना है और बुलाकर कैसे लोगों का माइस सेट कराना है. यहां गलत काम होता था, ये लोग इतना डरा देते थे... एक दूसरे को बताने में डर लगता था. घर वालों का जब फोन आता था तो ये लोग पास ही बैठे रहते थे. हमें सैलरी नहीं मिलती थी. जिन लड़कियों को हमने बुलाया उनके साथ भी ये काम हुआ. इन लड़कियों के परिवार वालों ते जरिए हमारे परिवार को ये सब पता चला.
तीसरी पीड़िता ने बताया कि हमको फेसबुक के माध्यम से ही बुलाया गया. पूछा क्या करती हो तो हमने बताया कि पढ़ाई करते हैं. हमारी दीदी ने उनसे बात की. दस दिन बात करने के बाद, जब हम हाजीपुर अपनी दीदी के साथ गए. तो हमसे पैसे जमा करवाए गए. उसके बाद हाजीपुर में एक कमरे में लेकर गए थे. उसके दो एक दिन के बाद हमको सेंटर सुबह में लेकर जाता था. एक महीना तक ऐसे होता रहा, उसके बाद उनसे हमने पूछा कि काम क्या करना है? तो बोला कि अभी ट्रेनिंग करो. उसके बाद तुमको काम के बारे में बताएंगे क्या करना है. कितने दिन उसका अत्याचार सहन करते. एक रुपया हम लोग नहीं देता था. हमारे साथ जबरदस्ती करते थे. घर वालों से जब फोन पर बात होती थी तो कॉल स्पीकर पर होता था. घरवाले जब बुलाते थे तो हमसे कहा जाता था कि उन्हें कहो की छुट्टी नहीं मिल रही है.
पीड़िताओं ने बताया कि आज की तारीख में भी इस कंपनी में बहुत सारी लड़की फंसी हुई है, जो की मजबूरी में बोल नहीं रही. जिनको DVR से पैसा मिलता है. वो खुद इन लोगों के साथ मिलकर ये धंधा करवाती है. अगर ये कंपनी ही बंद हो जाएगा तो बाकी किसी के साथ शोषण होगा ही नहीं.
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