ज्ञानवापी में साइंटिफिक सर्वे के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच मे मंगलवार को सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि अगर हिंन्दू पक्ष के मुताबिक सर्वे हो गया तो मस्जिद की पूरी ईमारत ही खत्म हो जाएगी. इसके जवाब में हिंन्दू पक्ष कि तरफ से कहा गया कि ASIसे निर्देश लेने के बाद एसजी तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट मे पहले ही.साफ कर चुके है कि मस्जिद की इमारत को कोई नुकसान नहीं होगा. जिला जज ने भी अपने आदेश मे मस्जिद की इमारत को नुकसान पहुचाए बगैर सर्वे को अंजाम देने के लिए कहा था.
चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश मे भी ASI के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया है कि ASI फिलहाल खुदाई जैसी कोई काम नहीं करेगा. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ASI सिर्फ एक हफ्ते के लिए खुदाई ना करने की बात कह रही है. इसके बाद वो ऐसी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. कोर्ट ने हिन्दू पक्ष से पूछा कि क्या आपने जिला अदालत मे कोई दस्तावेज जमा कराए है ? जिनमे सर्वे के पूरे कवायद के प्लान का जिक्र हो. हिन्दू पक्ष ने कहा कि हां सर्वे का पूरा प्लान कोर्ट मे दिया गया था कि ए एस आई कैसे प्लान को अंजाम देगा.
कोर्ट ने पूछा कि क्या देश के किसी दूसरे हिस्से मे भी कभी इस तरह का सर्वे हुआ है. हिन्दू पक्ष ने कहा कि राम जन्मभूमि केस मे भी ऐसा ही हुआ था. मुस्लिम पक्ष ने हिन्दू पक्ष की ओर से निचली अदालत मे रखी मांगों का हवाला देते हुए कहा कि उनकी मांग मे खुद खुदाई के जरिए सर्वे कराने की बात कही गई थी. हिन्दू पक्ष ने कहा कि चुकि मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट मे ये दावा किया था कि औरंगजेब ने ये मस्जिद बनाई है ऐसे मे वाकई ये औरंगजेब की बनाई मस्जिद थी या कोई हिन्दू मंदिर था. इस सच का पता करने के लिए हमने सर्वे की मांग जिला अदालत से की थी. पूरे मामले पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ये याचिका प्री मेच्योर है. इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में कल इस मामले आगे सुनवाई सुबह 9.30 बजे से फिर शुरू होगी.
इधर वाराणसी जिला जज के फैसले के खिलाफ दाखिल रिट पिटिशन पर भी बुधवार को सुनवाई होगी. जस्टिस जयंत बनर्जी की सिंगल बेंच में इस मामले पर सुनवाई होगी. जिला जज के एएसआई सर्वे के खिलाफ रिट पिटीशन दाखिल की गई है.
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