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मुंबई लोकल ट्रेन: हादसे में रोजाना 7 लोगों की हो रही मौत, कैसे लगेगी रोक? 

ट्रेन दुर्घटनाओं में भारत सरकार की मानें तो कमी आई है. साथ ही मौत के आंकड़ों में भी कमी आई है, लेकिन मुंबई की लोकल ट्रेन जिसे “लाइफलाइन” भी कहा जाता है, वहां मौत के आंकड़ों में कमी क्यों नहीं आ रही?

मुंबई लोकल ट्रेन: हादसे में रोजाना 7 लोगों की हो रही मौत, कैसे लगेगी रोक? 

मुंबई के पास ठाणे में लोकल ट्रेन में सोमवार सुबह बड़ा हादसा हुआ. जहां ट्रेन से गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई. ये हादसा दीवा और मुंब्रा स्टेशन के बीच हुआ. रेलवे पुलिस के मुताबिक यह हादसा तब हुआ, जब दो ट्रेन क्रॉस कर रही थी और एक ट्रेन ने जर्क लिया. उस समय ट्रेन में लटके हुए लोगों का बैलेंस बिगड़ गया और लोग ट्रेन से गिर गए. रेलवे इस हादसे की जांच की रही है. वहीं इस हादसे के बाद रेलवे ने तय किया है कि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटना ना हो, इसके लिए अब से जितने भी ट्रेन सेट मुंबई सब अर्बन के लिए तैयार होंगे, उसमें ऑटोमेटिक दरवाजे का इंतजाम किया जाएगा.

मुंबई में लोकल ट्रेन में रोजाना करीब 75 लाख लोग सफर करते है. सेंट्रल रेलवे मुंबई उपनगरीय में 1810 ट्रेनों का संचालन करता है, जिसमें प्रतिदिन 70 लाख पैसेंजर सफर करते है. वहीं वेस्टर्न उपनगरीय 1394 ट्रेनों का संचालन करता है, जिसमें 35 लाख पैसेंजर सफर करते हैं. 

एक तरफ जहां लाखों की संख्या में यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं, उसी तरह हजारों लोगों की मौत भी ट्रेन की घटनाओं में हुई है. मुंबई हाईकोर्ट में दाखिल जवाब के मुताबिक, बीते 20 साल में 52 हजार से ज्यादा लोगों की मौत ट्रेन की घटनाओं में हुई है. यानी रोजाना 7 लोगों की मौत. आंकड़े बताते हैं कि साल 2023 में कल्याण (114) ट्रेनों से गिरने से होने वाली मौतों में सबसे ऊपर था, उसके बाद वसई (45) का स्थान था. 2024 में कल्याण में फिर से सबसे ज़्यादा मौतें (116) दर्ज की गईं, जबकि वसई में पिछले साल के बराबर ही मौतें (45) दर्ज की गईं.

पिछले 20 वर्षों में मुंबई की सेंट्रल और हार्बर लाइन्स में हुई मौतें

स्टेशनमौत
सेंट्रल रेलवे29321
वेस्टर्न रेलवे23027
कुल 52348

सोर्स: हाईकोर्ट में दाखिल जवाब 

बात अगर देशभर में ट्रेन दुर्घटनाओं में हुई मौतों की करें तो बीते पांच सालों में करीब 1 लाख लोगों की मौत हुई है. एनसीबीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 के बात ट्रेन दुर्घटनाओं में मौत के मामले में कमी आई है. साल 2019 में 24619 मौत हुई थी जो घटकर 20792 पर आ गई है. 

ट्रेन दुर्घटनाओं के कारण मौत

वर्षट्रेन एक्सीडेंट
201824545
201924619
202011968
202116431
202220792
कुल98355

Source: NCRB

रेलवे से जुड़े अधिकारी 5 लोगों के मर जाने के बाद बता रहे हैं कि सरकार यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटोमेटिक गेट लगाने जा रही है. सवाल है कि यह काम पहले क्यों नहीं किया गया? जबकि मौत के आंकड़े तो पहले ही सरकार के पास मौजूद हैं. साल 2022 में हुई 20792 कुल मौतों में से 3110 मौतें महाराष्ट्र में ट्रेन से गिरने या ट्रेन टकराने को कारण हुईं. 

2022 में ट्रेन से गिरने/टकराव से होने वाली मौतें

महाराष्ट्र3110
उत्तर प्रदेश2410
तमिलनाडु1833
बिहार1208
आंध्र प्रदेश1037

ट्रेन दुर्घटनाओं में भारत सरकार की मानें तो कमी आई है. साथ ही मौत के आंकड़ों में भी कमी आई है, लेकिन मुंबई की लोकल ट्रेन जिसे “लाइफलाइन” भी कहा जाता है, वहां मौत के आंकड़ों में कमी क्यों नहीं आ रही? मुंबई लोकल ट्रेन के लेकर आए एक आरटीआई के मुताबिक 570 लोगों की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई. वहीं एनसीआरबी के आंकड़े भी बताते हैं कि महाराष्ट्र में शाम 6 से 9 के बीच जब लोग ऑफिस से घर जाते हैं, उस समय 16.7% दुर्घटनाएं होती हैं. वहीं सुबह 9 से 12 बजे के बीच जब लोग अपने ऑफिस या काम के लिए जाते हैं, उस समय 15.6% दुर्घटनाएं हुईं. मुंबई की लोकल ट्रेन की भीड़ किसी से छुपी नहीं है. बावजूद इसके कोई कदम नहीं उठाया जाता. 

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