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This Article is From Oct 27, 2023

गैंगस्टर केस में मुख्तार अंसारी को 10 साल और अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना भी लगा

जिस मामले में मुख्तार को सजा सुनाई गई वह 2010 का है. गाजीपुर के करंडा थाने में मुख्तार पर गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था. गैंगस्टर के इस केस के गैंग चार्ट में कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन पर हुए हमले का मामला शामिल था.

गैंगस्टर केस में मुख्तार अंसारी को 10 साल और अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना भी लगा
गाजीपुर:

उत्तर प्रदेश की गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गैंगस्टर मामले (Gangster Act case) में 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अंसारी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. MP/MLA कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था. मुख्तार के भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को 4 साल की सजा सुनाई गई है. उसपर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. अफजाल को कड़ी सुरक्षा के बीच गाजीपुर जेल भेज दिया गया है, जबकि मुख्तार पहले से ही बांदा जेल में बंद है. इससे पहले तक अफजाल अंसारी जमानत पर था. 

जिस मामले में मुख्तार को सजा सुनाई गई वह 2010 का है. गाजीपुर के करंडा थाने में मुख्तार पर गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था. गैंगस्टर के इस केस के गैंग चार्ट में कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन पर हुए हमले का मामला शामिल था. 2009 में करंडा थाना क्षेत्र के कपिल देव सिंह की हत्या हुई थी, जबकि 2009 में ही मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के मीर हसन ने मुख्तार अंसारी पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था.

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दोनों मूल मामलों में सेशन कोर्ट से बरी हो चुका मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी इन दोनों मूल मामलों में सेशन कोर्ट से बरी हो चुका है, लेकिन इन्हीं दोनों मामलों को लेकर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसमें उसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई. इससे पहले भी एक अन्य गैंगस्टर के मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा हो चुकी है.

ये था पूरा मामला
दरअसल, करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर निवासी रिटायर्ड शिक्षक कपिल देव सिंह की हत्या 2009 में कर दी गई थी, जिसमे 2010 में गैगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. हत्या के 14 साल बाद मुख्तार अंसारी को इस हत्याकांड के मामले में दोषी करार दिया गया. 2009 में सुआपुर गांव के रहने वाले एक दबंग व्यक्ति के घर पर कुर्की की कार्रवाई की जा रही थी. इसी बीच कुर्की की जा रही सामानों को लिस्ट बनाने के लिए कपिल देव सिंह को मौके पर बुलाया गया. पुलिस के कहने पर कपिल देव सिंह ने सामानों की लिस्ट बनाई. दबंग परिवार को लगा कि कपिल देव सिंह पुलिस की मुखबिरी कर रहे हैं. उसी भ्रम में उनकी हत्या कर दी गई.

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पुलिस की जांच में मुख्तार अंसारी का नाम आया. उसपर 2010 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया. सबसे बड़ी बात यह थी कि मुख्तार अंसारी कपिल देव सिंह हत्याकांड के मूल केस से बरी हो गया था. बाद में करंडा थाने में मुख्तार अंसारी के ऊपर दो मामलों को मिलाकर गैंग चार्ट बनाया गया, जिसमे पहला मामला मोहम्दाबाद कोतवाली क्षेत्र के मीर हसन का था, जबकि दूसरा कपिलदेव सिंह हत्या का मामला था.

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कृष्णानंद राय हत्याकांड में हो चुकी है सजा
कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उस पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. वहीं, मुख्तार के भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया था.

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