BSP के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता को बहाल (Afzal Ansari Parliament Membership Resumed) कर दिया है. दरअसल अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषसिद्धि पर अंतरिम रोक लगा दी गई है. यह फैसला जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने दिया. अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट 30 जून 2024 तक अफजाल मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला दे. उन्होंने कहा कि गाजीपुर लोकसभा सीट पर उप चुनाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि एमपी लैंड स्कीम के पैसे का इस्तेमाल हो सकेगा और अफजाल संसद की कार्रवाई में हिस्सा ले सकते है.
बता दें कि बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी माफिया मुख्तार अंसारी के भाई हैं. अपनी याचिका में अफजाल अंसारी ने 2007 के गैंगस्टर एक्ट मामले में अपनी दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी. अफजाल ने राहुल गांधी के मामले का हवाला देकर अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग अदालत से की थी. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि अदालत को मामले के हर पहलू को देखना चाहिए, क्योंकि अगर उनकी दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया गया तो उनका गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र लोकसभा में प्रतिनिधित्वहीन हो जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
- वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, अफजाल संसद की विभिन्न स्थायी समितियों के सदस्य थे, जब वे सांसद नहीं रहेंगे तो वहां वह योगदान नहीं दे पाएंगे
- गाजीपुर की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने इस साल 29 अप्रैल को अफजाल अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी को 2007 के गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषी ठहराया था.
- गैंगस्टर मामले में हुई चार साल की सजा के बाद अपनी संसद की सदस्यता गंवा चुके BSP के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.
- अफजाल अंसारी माफिया मुख्तार अंसारी के भाई हैं.
- अपनी याचिका में अफजाल अंसारी ने 2007 के गैंगस्टर एक्ट मामले में अपनी दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की.
- अफजाल ने राहुल गांधी के मामले का हवाला देकर अपनी भी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की.
- गाजीपुर की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने इस साल 29 अप्रैल को अफजाल अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी को 2007 के गैंगस्टर एक्ट मामले में दोषी ठहराया था.
- मामले में अफजाल अंसारी को चार साल जेल की सजा सुनाते हुए मुख्तार अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी,
- इसके बाद गाजीपुर से सांसद रहे अंसारी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
- अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था.
- 24 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली थी. लेकिन, दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई थी, जिसके चलते अफजाल अंसारी की सांसदी बहाल नहीं हुई.
- दोनों भाइयों पर 29 नवंबर, 2005 को गाजीपुर के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और 1997 में वाराणसी के व्यापारी नंद किशोर रूंगटा के अपहरण-हत्या के सिलसिले में यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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