लोकसभा में गुरुवार को अमरोहा से सांसद कुंवर दानिश अली ने केंद्रीय हज कमेटी के संबंध में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से कुछ सवाल किये, जिसका कोई संतोषजनक जवाब उन्हें सरकार से नहीं मिला. उन्होंने चिंता जाहिर की कि केंद्र सरकार सेंट्रल वक़्फ़ काउंसिल जैसे अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों की तरह सेंट्रल हज कमेटी, जिसमें 2 लोकसभा के सांसदों को भी शामिल किया जाता है, का पुनर्गठन सरकार पिछले ढाई साल से टाल रही है. हज कमेटी का पुनर्गठन न होने से पिछले कई वर्षों से काफी दिक्कत हुई है. भले ही पिछले दो सालों में हज यात्रा नहीं हुई हो, लेकिन 21 इम्बार्केशन पॉइंट्स जहां से हज के लिए फ्लाइट्स जाती थीं, जिन में वाराणसी, चेन्नई आदि भी थे. वहां से आने वाले हाजियों को भी दिक्कत हो रही है.
हाजियों को मिलने वाली सब्सिडी के मुद्दे पर दानिश अली ने कहा कि इसका फायदा हाजियों को नहीं बल्कि “महाराजा” यानी एअर इंडिया को हो रहा था. इसलिए मुस्लिम समाज की मांग थी कि सरकार इस सब्सिडी को खत्म करे ताकि उन पर किये जाने वाले एहसान दावा खत्म हो.
सरकार ने बाद में यह दावा किया कि वो सब्सिडी के पैसे से गरीब मुस्लिम लड़कियों को स्कॉलरशिप देकर उनकी जिंदगी बेहतर बना रही है लेकिन हमेशा की तरह तथ्यों को देश से छुपा रही है और यह बताने को तैयार नहीं है कि अब तक कितना पैसा गरीब मुस्लिम बच्चियों को स्कॉलरशिप के रूप में दिया गया है?
दानिश ने कहा, "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" जैसे नारे देने वाली सरकार सब कुछ अपने नियंत्रण में रखना चाहती है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री सदन में दानिश अली के सवालों का कोई ठोस एवं तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाये.
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