शपथ लेने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने आज यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों और 'सीमा पार के लोगों' ने विधानसभा चुनावों के लिए बेहतर माहौल बनाया। उनका परोक्ष इशारा पाकिस्तान की तरफ था, जिसकी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा से रुख साफ करने को कहा।
सईद ने जम्मू में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'मैं ऑन रिकॉर्ड कहना चाहता हूं और मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए हमें हुर्रियत, आतंकवादी संगठनों को श्रेय देना चाहिए।' इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए।
भाजपा की तरफ से उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह और नए कैबिनेट मंत्री हसीब द्राबू के साथ सईद ने कहा, 'अगर उन्होंने (आतंकवादियों ने) कुछ किया है तो खुदा माफ करे। ठीक तरीके से चुनाव कराना संभव नहीं हो पाता।'
सईद ने कहा कि उन्हें गर्व है कि श्रीनगर के लोग काफी संख्या में वोट डालने आए और उन्होंने ठीक तरीके से चुनाव कराने की खातिर 'बेहतर माहौल बनाने के लिए' 'सीमा पार के लोगों का' धन्यवाद किया।
पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'सीमा पार के लोगों ने बेहतर माहौल बनाया। उन्होंने राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया होने दी। इससे हमें उम्मीद बंधती है।'
सईद ने कहा, 'पाकिस्तान, हुर्रियत और आतंकवादियों ने शांतिपूर्ण चुनाव होने दिया।' उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमें उनकी उदारता के प्रति आभारी होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सईद की टिप्पणी की आलोचना की और भाजपा से उसका रुख साफ करने को कहा। उमर ने ट्विटर पर लिखा, 'प्रिय बीजेपी फॉर इंडिया, कृपया सुरक्षा बलों और चुनाव कर्मियों की भूमिका के बारे में बताएं क्योंकि आपके मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने चुनाव कराने की इजाजत दी।'
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