जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने एवं नई सरकार के काबिज होने के साथ ही 49 दिन के राज्यपाल शासन का समापन हुआ। पहली बार भाजपा राज्य की सरकार में शामिल हुई है।
79 वर्षीय सईद को जोरावर स्टेडियम में राज्यपाल एनएन वोहरा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तथा महासचिव राम माधव ने भी शिरकत की। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
सईद के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता निर्मल सिंह को मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। भाजपा के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि पहली बार पार्टी राज्य में सरकार बना रही है। सिंह पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री होंगे। सईद ने इस गठबंधन को ‘उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव’ का मिलन करार दिया था।
राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर सईद के शपथ ग्रहण के साथ राज्य में उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफे के बाद लगे राज्यपाल शासन के 49 दिन का अंत हो गया।
मुफ्ती मोहम्मद सईद इससे पहले जनवरी 2002 से तीन साल तक पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रहे थे। आज मंत्री पद की शपथ लेने वालों में पीडीपी के अब्दुल रहमान वीरी, हसीब द्राबू, नईम अख्तर, बशरत बुखारी तथा भाजपा की ओर से लाल सिंह, चंद्र प्रकाश, सुखनंदन चौधरी और बली भगत शामिल हैं। मंत्रिपरिषद में दो महिला विधायक भी हैं। इनमें भाजपा की प्रिया सेठी और पीडीपी की आसिया नक्काश हैं।
विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस से भाजपा में आये लाल सिंह ने डोगरी भाषा में शपथ ली।
अलगाववादी से सक्रिय राजनीति में आकर नेता बने सज्जाद गनी लोन ने भाजपा कोटे से कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री ने सज्जाद को गले लगाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पीडीपी विधायक हसीब द्राबू का भी मुस्कराकर अभिनंदन किया और उन्हें गले लगाया, जिन्होंने गठबंधन बनाने में और न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में अपनी पार्टी की ओर से मुख्य भूमिका निभाई।
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