अशिक्षा के नाम में पिछड़े जिलों में शुमार झाबुआ जिला लगातार बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था के कारण आंसू बहा रहा है. बदहाल शिक्षा व्यवस्था का एक ऐसा ही नजारा जिले के थांदला हाई सेकेंडरी स्कूल में देखने को मिला. स्कूल में पढ़ने वाले 1 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने मूसलाधार बारिश में थांदला से मेघनगर तक बदहाल शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
इस दौरान भीगते हुए भूखे प्यासे नंगे पैर हजारों विद्यार्थियों ने 30 किलोमीटर का सफर कलेक्टर से मिलने के लिए पैदल तय कर दिया. झाबुआ कलेक्टर कार्यालय में पहुंचे विद्यार्थियों का आरोप है कि स्कूल का भवन जर्जर है, स्कॉलरशिप भी नहीं मिलती है, परेड समय पर नहीं लगता है.
इस देश में बहुत कुछ हो रहा है जो आपको देखना चाहिये,ये आदिवासी बहुल झाबुआ में थांदला के छात्र हैं बरसात में भूखे प्यासे 30 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर कलेक्टर से मिलने पहुंचे. जर्जर भवन, स्कॉलरशिप, पढ़ाई जैसे कई मुद्दे हैं. @ndtv @ndtvindia @ravishndtv pic.twitter.com/bga3HQ9lm0
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 2, 2022
साथ ही बच्चों ने ये भी आरोप लगाया कि स्कूल के प्रिंसिपल व बीओपी. एस अहिरवार उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं. इन बातों से नाराज छात्रों ने पैदल मार्च निकाला. 7 घंटों से अधिक समय तक पैदल चलकर भूखे प्यासे वे पैरों में छाले लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां कई छात्र कार्यालय के सामने बेहोश हो गए.
बेहोश छात्रों को झाबुआ जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. जिला प्रशासन द्वारा पूरे मामले को संज्ञान में लेकर जांच करने की बात कही जा रही है. वहीं, इलाज के बाद छात्रों को प्राइवेट बसों के माध्यम से थांदला भेजा गया.
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