मध्यप्रदेश से स्वास्थ्य सुविधाओं की असलियत भरी तस्वीरें लगातार सामने आ रही है. लेकिन हालात दुरुस्त नहीं हो पा रहे हैं. एक बार फिर सूबे के दमोह जिले से झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. जब एक गर्भवति महिला को उसका पति दो किलोमीटर तक सब्जी वाले ठेले पर अस्पताल ले गया. लेकिन उसे एक-एक कर दो जगह रेफर किया गया. महिला की हालत नाजुक बनीं हुई है. दरअसल जिले के रनेह में रहने वाले कैलाश अहिरवाल की पत्नी काजल को प्रसव पीड़ा का दर्द उठा.
कैलाश और उसके परिजनों ने जननी एक्सप्रेस और 108 एम्बुलेंस को लगातार फोन लगाया. उससे तीन घंटे बाद एम्बुलेंस आने को कहा गया. काजल की तकलीफ बढ़ती जा रही थी. ऐसे में आखिरकार उसके पति ने निर्णय लिया की वो ठेले पर ही पत्नी को ले जाएगा. फिर वो करीब दो किलोमीटर से ज्यादा रास्ते का सफर तय करने के बाद रनेह के सरकारी दवाखाने में पहुंचा. लेकिन यहां स्टाफ नहीं था. करीब घंटे भर इंतज़ार करने के बाद स्टाफ आया तो काजल को हटा के सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया.
Husband of a pregnant woman carried her to hospital on a push-cart for want of ambulance in Damoh, Kailash Ahirwal reached the local government-run Arogya Kendra after 2 kms journey, there was no doctor or nurse there, he alleged @ndtv @ndtvindia pic.twitter.com/cXj94L5oX5
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) August 31, 2022
जैसे-तैसे रनेह से एम्बुलेंस मिली और पीड़िता को हटा के सिविल अस्पताल लाया गया. लेकिन महिला की हालत देखकर सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर लिए और उसे दमोह जिला अस्पताल रेफर किया गया है. जहां उसका गंभीर हालत में इलाज जारी है. इस मामले में पीड़िता के पति कैलाश का कहना है कि लंबा इंतजार सहन नहीं हुआ. जिस वजह से वो हाथ ठेले पर पत्नी को अस्पताल ले जाने पर मजबूर हुआ. सामने आई तस्वीरों के बाद हटा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ.आर.पी कोरी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
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