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This Article is From Aug 28, 2022

नर्सिंग कॉलेज 'घोटाले' पर गरमाई सियासत, कांग्रेस बोली- उच्च न्यायालय की निगरानी में हो जांच

मध्य प्रदेश लॉ स्टूटेंडस एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने इस मामले को लेकर इस साल 11 जनवरी को एक जनहित याचिका दायर की थी.

नर्सिंग कॉलेज 'घोटाले' पर गरमाई सियासत, कांग्रेस बोली- उच्च न्यायालय की निगरानी में हो जांच
कांग्रेस बोली- उच्च न्यायालय की निगरानी में हो जांच
भोपाल:

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने रविवार को कथित नर्सिंग कॉलेज ‘घोटाले' की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग की और दावा किया कि प्रदेश सरकार 60 हजार से अधिक नर्सिंग छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है. हालांकि, मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के दावों का खंडन करते हुए कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है.

मध्य प्रदेश लॉ स्टूटेंडस एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने इस मामले को लेकर इस साल 11 जनवरी को एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कुछ कॉलेजों में बुनियादी ढांचे की कमी के साथ-साथ कुछ कॉलेजों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केवल कागजों पर चलने का आरोप लगाया गया है.

एमपी नर्सिंग काउंसिल (एमपीएनसी) द्वारा अदालत में पेश की गई गलत सामग्री को देखते हुए उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को प्रदेश सरकार को एमपीएनसी के संचालन के लिए नए प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दिया.

हाल ही में प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय की जांच के दायरे में आने वाले प्रदेश के 93 कॉलेजों की मान्यता को निलंबित कर दिया. इन घटनाक्रमों को देखते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉक्टर गोविंद सिंह ने नर्सिंग कॉलेज ‘घोटाले' की उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की.

सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, नर्सिंग परिषद और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की सहमति के बिना इतने बड़े पैमाने पर अनियमितताएं संभव नहीं थीं, लेकिन भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया है.

सिंह ने दावा किया कि यह घोटाला 60 हजार से अधिक छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वाला है. उन्होंने कहा कि एमपीएनसी द्वारा मान्यता प्राप्त 130 नर्सिंग कॉलेज केवल कागजों पर चल रहे थे और जब ऐसे कॉलेजों के छात्र मेडिकल स्टॉफ में शामिल होंगे तो सार्वजनिक स्वास्थ्य का क्या होगा?

सिंह ने दावा किया कि यह नर्सिंग कॉलेजों के संचालन के लिए अनुमति जारी करने में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं को दर्शाता है. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार को चुनौती दी कि वह ऐसे नर्सिंग कॉलेजों की सूची जारी करे जो ऐसे संस्थानों के लिए निर्धारित सरकारी मानकों का पालन कर रहे हैं, जिनमें 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों से जुड़ा होना अनिवार्य है.

इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के प्रदेश सचिव रजनीश अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है.

अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की अनियमितताएं राज्य सरकार की लगातार निगरानी के कारण जांच के दायरे में आईं न कि कांग्रेस के कारण. उन्होंने कहा कि मप्र सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि ऐसे संस्थान न केवल राज्य बल्कि केंद्र द्वारा निर्धारित सभी मानकों का पालन करें. भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार नर्सिंग छात्रों के भविष्य की रक्षा के लिए सभी उपाय कर रही है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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