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This Article is From Apr 25, 2022

मध्य प्रदेश सरकार अब बदलेगी नसरुल्लागंज का नाम, केंद्र को भेजा प्रस्ताव

पीटीआई से बात करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने सीएम चौहान पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने और राज्य में शांति भंग करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब राज्य का मुखिया ही सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहा है तो शांति कैसे बनाई रखी जा सकती है. सीएम को विकास की बात करनी चाहिए जो राज्य में भाजपा शासन के दौरान नहीं हुआ.

मध्य प्रदेश सरकार अब बदलेगी नसरुल्लागंज का नाम, केंद्र को भेजा प्रस्ताव
नसरुल्लागंज का नाम बदलकर रखा जाएगा भेरुंडा, केंद्र को भेजा प्रस्ताव (फाइल फोटो)
भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की कुछ जगहों का नाम बदलने के बाद अब राज्य सरकार एक और जगह का नाम बदलने जा रही है. सरकार अब नसरुल्लागंज का नाम बदलने की योजना बना रही है, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुधनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. नसरुल्लागंज का नाम बदलकर भेरुंडा करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है. चौहान ने रविवार को राज्य की राजधानी भोपाल से लगभग 90 किमी स्थित एक कस्बे के खेलकूद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही

 जबकि विपक्षी कांग्रेस ने इसके माध्यम से सीएम पर सांप्रदायिक एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप लगाया. वहीं बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार पूरी तरह से राज्य के विकास पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है. इसी साल फरवरी में मध्य प्रदेश सरकार ने  होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम और बाबई का नाम माखन नगर कर दिया था. बाबई प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मस्थली है.

पिछले साल नवंबर में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी रानी रानी कमलापति के नाम पर रखा गया.  पीटीआई से बात करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने सीएम चौहान पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने और राज्य में शांति भंग करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब राज्य का मुखिया ही सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहा है तो शांति कैसे बनाई रखी जा सकती है. सीएम को विकास की बात करनी चाहिए जो राज्य में भाजपा शासन के दौरान नहीं हुआ.

हालांकि प्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने पीटीआई भाषा को बताया कि मप्र सरकार  राज्य के विकास पर लगातार ध्यान दे रही है, लेकिन हर गांव, कस्बे और शहर की अपनी एक पहचान होती है. उसके गौरव से जुड़ा इतिहास होता है. कांग्रेस को प्राचीन नाम बहाल करने में सांप्रदायिकता दिख रही है, क्योंकि विपक्षी दल आजादी के बाद से ही तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है. उन्होंने  दावा किया कि नागरिकों की नसरुल्लागंज के नाम को बदलने की पुरानी मांग थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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