विज्ञापन
This Article is From Dec 21, 2020

एमपी : प्रतियोगी परिक्षाओं में चयन के बावजूद भी नहीं हो रही है भर्ती, बेरोजगार युवाओं का विरोध प्रदर्शन

3 सालों से पुलिस कांस्टेबल सब इंस्पेक्टर सब इंजीनियर, वनरक्षक, पटवारी, ड्रग इंस्पेक्टर आदि की भी भर्ती भी नहीं हुई है. 3 साल पहले पटवारी परीक्षा पास किए हुए छात्र भी अफसरशाही की गलतियों की सजा भुगत रहे हैं. 

एमपी : प्रतियोगी परिक्षाओं में चयन के बावजूद भी नहीं हो रही है भर्ती, बेरोजगार युवाओं का विरोध प्रदर्शन
सहकारिता मंत्री का बंगला घेरने के लिए पहुंचे बेरोजगार.
भोपाल:

मध्यप्रदेश (Madhy Pradesh) में सहकारिता विभाग के जूनियर सेल्समैन सोमवार को राज्य के सहकारिता मंत्री का बंगला घेरने के लिए पहुंचे. इनकी मांग थी कि सहकारिता विभाग में 3629 जूनियर सेल्समैन की भर्ती दो साल से चयन के बाद भी क्यों  अटकी हुई है? ये भर्ती सितम्बर 2018 में शुरू हुई थी, मेरिट लिस्ट मार्च में आ गई, अब सिर्फ दस्तावेजों का सत्यापन होना है लेकिन 9 महीने गुज़र जाने के बाद भी कोरोना वायरस की आड़ लेकर अभी तक डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं किया गया.

पिछले हफ्ते ही लगातार लटक रही नियुक्ति से नाराज चयनित शिक्षकों ने राजधानी भोपाल पहुंचकर प्रदर्शन किया था, राज्य शिक्षा केंद्र के बाहर प्रदेश के हजारों चयनित शिक्षक धरने पर बैठे थे, राज्य में 30594 चयनित शिक्षक पिछले दो साल से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं.

v2spror

सितंबर 2018 में शिवराज सिंह चौहान के ही नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार ने मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया था. इससे पहले की परीक्षा के नतीजे आते, विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग गई. विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदल गई और कांग्रेस सत्ता में आ गई. सत्ता परिवर्तन के बाद नतीजे लटक गए. आखिरकार 2019 में परीक्षा के नतीजे घोषित हुए, लेकिन फिर नियुक्ति पर पेंच फंस गया.

यह भी पढ़ें- शिवराज सिंह ने कहा मंडिया बंद नहीं होंगी, लेकिन 70 फीसदी मंडियों में कारोबार लगभग पूरी तरह ठप

इस बीच प्रदेश में सियासी उथल-पुथल शुरू हो गया और फिर कोरोना का संकट आड़े आ गया. चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर फिर अनिश्चितता के बादल छा गए. हालांकि, जुलाई 2020 में नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ी और चयनित शिक्षकों के दस्तावेज का वेरिफिकेशन शुरू हुआ लेकिन महज तीन दिन बाद ही इसे भी रोक दिया गया.

राज्य में कई बेरोजगार युवाओं का कहना है कि कई सालों से एम पीएससी, 6 वर्षों से आदिम जाति कल्याण विभाग, 12 सालों से कमर्शियल टेस्ट खाद बीज निगम में, 11 वर्षों से खेल विभाग में, 9 साल से कृषि विभाग में, कृषि कल्याण पंचायत एवं ग्रामीण विभाग में 8 वर्षों से आयुष विभाग में 7 साल से ऑडिट व डेरी फूड मैं 5 साल से कोई भर्ती नहीं हुई है. 

यह भी पढ़ें- एमपी : कांग्रेस ने शिवराज पर साधा निशाना, कहा- 'किसानों को छलना बंद करे बीजेपी'

3 सालों से पुलिस कांस्टेबल सब इंस्पेक्टर सब इंजीनियर, वनरक्षक, पटवारी, ड्रग इंस्पेक्टर आदि की भी भर्ती भी नहीं हुई है. 3 साल पहले पटवारी परीक्षा पास किए हुए छात्र भी अफसरशाही की गलतियों की सजा भुगत रहे हैं. 

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में परीक्षा में चुने गए अभ्यर्थियों को नहीं मिली नौकरी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com