Madhya Pradesh Congress on farmers : नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के रायसेन में किसान कल्याण कार्यक्रम को संबोधित किया. बताया कि प्रदेश के 35 लाख किसानों के बैंक खातों में 16 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने ओला और बारिश से भारी नुकसान झेलने वालों के लिए आर्थिक सहायता का भी ऐलान किया.
मध्यप्रदेश के 23000 पंचायतों में सीधे प्रसारण से किसानों ने प्रधानमंत्री को सुना...35 लाख किसानों के बीच फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 1,600 करोड़ रुपये वितरित किए गए. नये कृषि कानूनों के फायदे को भी बताया गया. किसानों को साधने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच करोड़ गन्ना किसानों को सब्सिडी देने और पुरानी सब्सिडी का एक हफ्ते के अंदर भुगतान करने की घोषणा की थी. कृषि मंत्री ने किसानों के नाम खत भी लिखा था.
शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रभाव वाले छिंदवाड़ा में हजारों किसानों 26 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया, किसान खुश थे लेकिन दूसरी समस्या भी गिना रहे थे. किसान टेकराम वर्मा ने कहा, "सरकार ने अच्छी बात बताई, सब मंडी खुल रही है हमारी अमरवाड़ा मंडी नहीं खुल रही."
प्रधानमंत्री के भाषण के बीच में ही कुर्सी छोड़कर जाने की कुछ तस्वीर कटनी से आई. यहां भी किसानों को अनुदान के प्रमाण पत्र मिले, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि वो दिल्ली में जुटे किसानों के आंदोलन के साथ हैं.
किसान अजय कुमार तिवारी ने बताया, "हम 15000 दिये, 50 पाइप मिले. खरीद एमएसपी है वो सदा रहना चाहिये मंडी में कम भाव बिकता है उससे कम नहीं होना चाहिए." दूसरे किसान, चरण सिंह कहना है, "हम चना लिये थे, ये मिला है 9000, सही लगता है, जो एमएसपी दर है वो हमेशा मिले."
हालांकि कांग्रेस को लगता है ये सब भ्रम है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव कहते हैं, "भाजपा के नेता किसानों को छलने की कोशिश कर रहे है, किसान कानून के संदर्भ में देश प्रदेश का किसान आंदोलन कर रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज जी में अगर कुछ भी नैतिकता है, किसान हितेषी है स्वयं को किसान पुत्र कहते हैं, तो कम से कम मध्यप्रदेश के किसानो के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के संदर्भ में कानून बनाए और किसानों को इस तरह से छलना, धोखा देना बंद करें."
किसानों को अभी अभी रकम नहीं मिली है ... ये बड़े-बड़े चेक मिले हैं ... हां आयोजन के लिये बड़ी रकम ज़रूर खर्च हुई है ... मप्र में आयोजन सांकेतिक भी है, आखिर मॉडल मंडी बनाने में भोपाल ने पहली दौड़ जो लगा दी थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं