मुंबई से सटे विरार में कोख का सौदा करने का मामला सामने आया है। यहां एक मां ने कोख में पल रहे 8 महीने के गर्भ का सिर्फ इसलिए सौदा कर दिया, क्योंकि उसे अपना गिरवी रखा घर छुड़वाना था।
इस महिला को गंभीर रूप से बीमार अपनी बेटी के इलाज के लिए भी पैसों की सख्त जरूरत थी। नवजात शिशु को खरीदने वाली महिला के मुताबिक उक्त महिला ने उसके पास आकर कहा था कि उसे अपना गिरवी रखा घर छुड़ाने के लिए डेढ लाख रुपये की जरूरत है और अगर वह रुपये देती है, तो वह पेट में पल रहा अपना बच्चा उसे दे देगी।
पिछले साल दिसंबर महीने में सौदा तय हुआ। किसी को शक न हो, इसलिए बच्चे की मां ने अस्पताल में अपना नाम बदलकर लिखवाया और जनवरी महीने में बच्चा पैदा होने पर 80 हजार रुपये लेकर उसे दूसरी महिला को सौंप भी दिया। बाद में बाकी पैसे नहीं मिलने पर महिला 15 मार्च को उस दूसरी महिला के घर से अपना बच्चा वापस उठा लाई।
इस बीच, बच्चा लेने वाली महिला को पता चला कि बच्चे की मां उस बच्चे का सौदा किसी और से 3 लाख रुपये में कर रही है। इसका नतीजा यह हुआ कि दोनों में झगड़े की नौबत आ गई और मामला पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया। पुलिस अब इस मामले में नर्सिंग होम की भूमिका की भी जांच कर रही है। हालांकि अस्पताल के डॉक्टर ने किसी तरह की मिलीभगत से साफ इनकार किया है।
डॉक्टर का कहना है कि जो भी सौदेबाजी हुई, वह अस्पताल के बाहर हुई है और उसका अस्पताल से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं इस मामले में शामिल दूसरी महिला का कहना है कि उसने कोई सौदा नहीं किया, बल्कि उस परिवार की सिर्फ आर्थिक मदद की थी। फिलहाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 419, 420 और 34 के तहत धोखाधड़ी का एफआईआर दर्ज कर कोख का सौदा करने वाली मां और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
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