- गोवा के नाइटक्लब में आग लगने के बाद फरार हुए लूथरा भाइयों को थाईलैंड से लाने की तैयारी चल रही है
- साल 2025 में आतंकी, गैंगस्टर और ड्रग्स तस्कर समेत दर्जनों अपराधियों को विदेशों से भारत लाया गया है
- कानून का सामना करने के लिए इस साल भारत लाए गए आरोपियों में सबसे बड़ा नाम तहव्वुर राणा का है
गोवा में 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइटक्लब में आग लगने के तुरंत बाद फरार हुए लूथरा भाइयों को थाईलैंड में डिटेन कर लिया गया है. अब उन्हें भारत लाने की तैयारी चल रही है. भारत और थाईलैंड के बीच प्रत्यर्पण संधि है, ऐसे में उन्हें डिपोर्ट करवाना भारत के लिए मुश्किल नहीं होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस साल किस किस अपराधी या आरोपी को भारत डिपोर्ट किया गया? अमेरिका-कनाडा में अवैध रूप से रहने वालों के निर्वासन को छोड़ दें तो अपराध करके भागे एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों को 2025 में भारत वापस लाने में सफलता मिली है. इनमें आतंकी हमलों के गुनहगार से लेकर गैंगस्टर और ड्रग्स तस्कर भी शामिल हैं.
तहव्वुर राणाः 26/11 का मास्टरमाइंड
कानून का सामना करने के लिए इस साल भारत लाए गए आरोपियों में सबसे बड़ा नाम तहव्वुर राणा का है. 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड राणा को एनआईए ने वर्षों की मेहनत के बाद अमेरिका से डिपोर्ट कराने में कामयाबी हासिल की. राणा पर डेविड कोलमैन हेडली और पाकिस्तान के लश्कर व हूजी आतंकियों के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में विनाशकारी आतंकवादी हमलों की साजिश का आरोप है.
अनमोल विश्नोईः गैंगस्टर लॉरेंस का भाई
कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई और उसके करीबी साथी अनमोल बिश्नोई को एनआईए ने अमेरिका से डिपोर्ट कराया है. अनमोल 2022 से फरार था. पुलिस के मुताबिक, 10 लाख का इनामी अनमोल अमेरिका बैठकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए टेरर सिंडिकेट चलाता था. वह गैंग के लोगों को पनाह, पैसा और लॉजिस्टिक सपोर्ट देता था. भारत में धमकी और वसूली रैकेट भी चलाता था.
NCR का कुख्यात गैंगस्टर हरसिमरन
दिल्ली-एनसीआर के कुख्यात और बेहद खतरनाक गैंगस्टर हरसिमरन उर्फ बादल उर्फ सिमरन को बैंकॉक से 26 नवंबर को भारत लाया गया. दिल्ली के शालीमार बाग के रहने वाले हरसिमरन के खिलाफ 23 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर मामले शामिल हैं. वह पहले रेसलर था, बाद में गैंगस्टर बन गया.
वॉन्टेड आरोपी परमिंदर उर्फ पिंडी
वॉन्टेड आरोपी परमिंदर सिंह उर्फ़ निर्मल सिंह उर्फ पिंडी को संयुक्त अरब अमीरात से भारत लाया गया. पिंडी पर फंड जुटाकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने, रंगदारी, हत्या की कोशिश और आपराधिक धमकी जैसे गंभीर आरोप हैं. भारत से फरार होने के बाद वह लंबे समय से विदेश में छिपा हुआ था. 26 सितंबर को पंजाब पुलिस की टीम उसे UAE से लेकर भारत पहुंची.
फाजिलपुरिया पर गोलीबारी का आरोपी गैंगस्टर
हरियाणवी सिंगर राहुल फाजिलपुरिया पर फायरिंग और उसके प्रॉपर्टी डीलर दोस्त रोहित शौकीन की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी गैंगस्टर सुनील सरढानिया को स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख से डिपोर्ट कर अक्टूबर में भारत लाया गया. सुनील मूल रूप से रोहतक का रहने वाला है और कई साल पहले विदेश भाग गया था.
लंबी लड़ाई के बाद अंगद सिंह अमेरिका से डिपोर्ट
ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी अंगद सिंह चंडोक को मई में अमेरिका से डिपोर्ट कराया गया. उसके प्रत्यर्पण के लिए सीबीआई ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी. अंगद अमेरिकियों से ऑनलाइन टेक सपोर्ट के नाम पर ठगे गए लाखों डॉलर को शेल कंपनियां बनाकर दूसरे देशों में भेजा था. उसे अमेरिकी कोर्ट ने दोषी ठहराया था.
मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर जोगिंदर सिंह भी लाया गया
फिलीपींस में बैठकर भारत में अपराधों को अंजाम दिलवाने के आरोपी मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर जोगिंदर सिंह ग्योंग को फरवरी 2025 में डिपोर्ट करके भारत लाया गया. उसके खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा केस दर्ज हैं. वह पिछले साल मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात अपराधी सुरेंद्र का भाई है. जोगिंदर 3 साल पहले भारत से भाग गया था.
गैंगस्टर मैनपाल बादली कंबोडिया से प्रत्यर्पित
हरियाणा के मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर मैनपाल बादली को सितंबर में कंबोडिया से प्रत्यर्पित करके लाया गया था. कुख्यात गैंगस्टर मैनपाल पर हरियाणा पुलिस ने 7 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. अदालतों ने 3 मामलों में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई, लेकिन 2018 में हिसार जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद वह फरार होकर विदेश भाग गया था. भारत में कानून का सामना करने के लिए कई और लोगों को डिपोर्ट करके लाया गया है या लाए जाने की प्रक्रिया में है.
अमेरिका से इस साल 3 हजार से ज्यादा डिपोर्ट
केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में राज्य सभा में बताया गया है कि अमेरिका से इस साल 3258 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया है, जो पिछले 16 साल में सबसे ज्यादा हैं. 2009 से अब तक 18,882 लोगों को प्रत्यर्पित किया जा चुका है.
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