मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का सामना कर रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर जमानत याचिका वापस ले ली गई है. नवाब मलिक अब नए सिरे से मेडिकल आधार पर जमानत याचिका दाखिल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक को नई याचिका दाखिल करने की इजाजत दी है.
नवाब मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाब मलिक की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की है. हम नए सिरे से हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दी है. इससे पहले 1 मई को एनसीपी नेता नवाब मलिक को राहत नहीं मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बॉम्बे हाईकोर्ट मामले में सुनवाई करेगा. अगर हाईकोर्ट सुनवाई नहीं करता है, तो याचिकाकर्ता फिर से आ सकता है. लेकिन फिलहाल हाईकोर्ट को ही जमानत पर फैसला लेने दें. नवाब मलिक की ओर से कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए छह महीने का समय लिया है. हाईकोर्ट ने पांच महीने ले लिए हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता व पूर्व मंत्री नवाब मलिक की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी.
नवाब मलिक ने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की है. मलिक ने याचिका में कहा है कि उनकी एक किडनी खराब है. दूसरी किडनी भी बहुत कम काम कर रही है. एक-एक जांच की अनुमति अदालत से लेने में दो-तीन सप्ताह लग जाते है. नवाब मलिक को पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी ने गिरफ्तार किया था.
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