
किसान गजेंद्र सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
एनडीटीवी इंडिया के पास गजेंद्र खुदकुशी मामले की शुरूआती रिपोर्ट है, जो घटना के दिन यानी 22 अप्रैल को ही गृह मंत्रालय भेजी गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया कि आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गजेंद्र को खुदकुशी के लिए उकसाया। यही नहीं घटना के वक्त ये लोग तालियां बजा रहे थे। जब पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे। हिदायत के बावजूद रैली की जगह नहीं बदली। एसडीएम ने जानबूझकर पोस्टमार्टम में देर कराई, उनका कहना था कि दिल्ली सरकार ने उन्हें इस केस की मजिस्ट्रेट जांच की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन ऐसा कोई आदेश वो नहीं दिखा पाये।
वहीं गजेंद्र की पोस्टमाटर्म भी दिल्ली पुलिस को मिल चुकी है। रिपोर्ट में मौत की वजह लटकना बताई गई है, जिस्म पर खरोंच के 7 निशान भी थे, हांलाकि उसके शरीर में कोई फ्रैक्चर नहीं मिला। पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी का कहना है कि अब गवाहों के बयानों के आधार पर आगे की कार्यवाई होगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गजेंद्र को खुदकुशी के लिए उकसाया। यही नहीं घटना के वक्त ये लोग तालियां बजा रहे थे। जब पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे। हिदायत के बावजूद रैली की जगह नहीं बदली। एसडीएम ने जानबूझकर पोस्टमार्टम में देर कराई, उनका कहना था कि दिल्ली सरकार ने उन्हें इस केस की मजिस्ट्रेट जांच की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन ऐसा कोई आदेश वो नहीं दिखा पाये।
वहीं गजेंद्र की पोस्टमाटर्म भी दिल्ली पुलिस को मिल चुकी है। रिपोर्ट में मौत की वजह लटकना बताई गई है, जिस्म पर खरोंच के 7 निशान भी थे, हांलाकि उसके शरीर में कोई फ्रैक्चर नहीं मिला। पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी का कहना है कि अब गवाहों के बयानों के आधार पर आगे की कार्यवाई होगी।
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