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वे अब नोट से गांधी का फोटो हटाएंगे... 'जी राम जी' पर सियासी संग्राम

मनरेगा कानून की जगह नया ‘विकसित भारत– G RAM G’ बिल लाने के सरकार के फैसले पर शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने तंज कसा है. सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'अब वे नोटों से भी गांधी की तस्वीर हटा देंगे.'

वे अब नोट से गांधी का फोटो हटाएंगे... 'जी राम जी' पर सियासी संग्राम

मनरेगा कानून की जगह नया ‘विकसित भारत– G RAM G' बिल लाने के सरकार के फैसले को लेकर सियासत तेज हो गई है. विपक्ष ने इसे गरीबों के रोज़गार के अधिकार पर हमला बताया है, जबकि सरकार का कहना है कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बदलाव जरूरी था. इस बीच शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'अब वे नोटों से भी गांधी की तस्वीर हटा देंगे.'    

प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने नए बिल को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, 'गरीब जनता के रोजगार के अधिकार को खत्म करने का काम किया जा रहा है. ऊपर से दिखाया जा रहा है कि काम के दिन बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन क्या वेतन बढ़ाया गया है?' प्रियंका गांधी ने यह भी सवाल उठाया कि पहले ग्राम पंचायत तय करती थी कि कहां और कौन सा काम होगा, लेकिन अब इसके उलट केंद्र सरकार तय करेगी. ऐसे में सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कैसे कर रही है? 

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, 'नाम बदलने की राजनीति मुझे समझ नहीं आती. यह नया बिल कम से कम 100 दिनों की आय के अधिकार को कमजोर करेगा. जहां भी जाइए, मनरेगा कर्मचारी बताएंगे कि उन्हें अभी तक मजदूरी नहीं मिली है.'

सरकार ने विपक्ष के आरोप किए खारिज

वहीं सरकार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'मौजूदा मनरेगा कानून में बदलाव बेहद जरूरी है. समय-समय पर संविधान में भी संशोधन किए जाते हैं. सरकार ने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है.'

सरकार का कहना है कि नया बिल रोज़गार व्यवस्था को ज्यादा प्रभावी और पारदर्शी बनाएगा.

नाम बदलने पर भी राजनीति तेज

इस बीच शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'अब वे नोटों से भी गांधी की तस्वीर हटा देंगे.' ‘जी राम जी' पर सियासी संग्राम शुरू हो गया है.

क्या है विवाद की जड़?

दरअसल मनरेगा की जगह लाए जा रहे नए बिल पर संसद से सड़क तक बहस तेज हो गई है और आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक टकराव और बढ़ने के संकेत हैं. इस मामले पर विपक्ष का कहना है कि गरीबों के 100 दिन के रोज़गार के अधिकार को कमजोर किया जा रहा है. ग्राम पंचायतों की भूमिका घटाई जा रही है. जबकि इस मामले पर सरकार का दावा है कि मनरेगा में सुधार समय की जरूरत है. नया कानून विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप है. 

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