- दिल्ली एमसीडी उपचुनाव में बीजेपी ने कुल बारह वार्डों में से सात सीटों पर जीत हासिल की जबकि दो सीटें गंवाईं
- आम आदमी पार्टी ने तीन सीटें जीतीं और कांग्रेस ने संगम विहार वार्ड में जीत दर्ज कर अपना खाता खोला
- दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद हुए इस पहले चुनाव पर पूरे देश की नजर थी
दिल्ली एमसीडी उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. 12 वार्डों में हुए चुनाव में बीजेपी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि उसे दो सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा. आम आदमी पार्टी (आप) ने 3 सीटें जीतीं और कांग्रेस ने संगम विहार वार्ड में जीत दर्ज कर अपना खाता खोला. इसके अलावा ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) ने भी एक सीट पर जीत हासिल की. 30 नवंबर को हुए मतदान में करीब 40 फीसदी वोटिंग हुई, जो 2022 के चुनावों में दर्ज 50.47 प्रतिशत से कम रही. इस उपचुनाव में 51 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 26 महिलाएं शामिल थीं. बीजेपी ने 8 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जबकि आप ने 6 और कांग्रेस ने 5 महिलाओं को मौका दिया. आइए जानते हैं वो 2 सीटें जहां बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.
बीजेपी को कहां लगा झटका?
बीजेपी को संगम विहार और मुंडका वार्ड में हार का सामना करना पड़ा. संगम विहार सीट पर कांग्रेस के सुरेश चौधरी ने बीजेपी उम्मीदवार शुभ्रजीत गौतम को 3,628 वोटों से हराया. यह सीट बीजेपी विधायक चंदन चौधरी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. सुरेश चौधरी पहले भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत चुके हैं. उपचुनाव से तीन दिन पहले उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की और इस बार कांग्रेस का खाता खोलने में कामयाब रहे. बीजेपी ने इस सीट को लेकर रेखा गुप्ता और मनोज तिवारी जैसे बड़े नेताओं को प्रचार में उतारा था. हालांकि पार्टी को सफलता नहीं मिली.
मुंडका वार्ड पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की. यहां आप के अनिल लाकड़ा ने बीजेपी उम्मीदवार जयपाल सिंह दराल को 1,577 वोटों से हराया. यह सीट पहले निर्दलीय पार्षद गजेंद्र दराला के बीजेपी में शामिल होकर विधायक बनने के बाद खाली हुई थी. बीजेपी को उम्मीद थी कि जयपाल सिंह दराल जीतेंगे, लेकिन नतीजे उलट गए.
एमसीडी में अब क्या स्थिति है?
इस उपचुनाव के बाद एमसीडी में बीजेपी की ताकत और बढ़ गई है. सात सीटों पर जीत के बाद बीजेपी के पार्षदों की संख्या 115 से बढ़कर 122 हो गई है. वहीं, आम आदमी पार्टी के पार्षदों की संख्या 99 से बढ़कर 102 हो गई है. कांग्रेस अब 9 पार्षदों के साथ मौजूद है, जबकि इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के पास 15 पार्षद हैं. हालांकि, संगम विहार में कांग्रेस की जीत उसके लिए सांत्वना पुरस्कार जैसी है, लेकिन यह संकेत देती है कि दिल्ली की सियासत में कांग्रेस अभी पूरी तरह गायब नहीं हुई है.
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