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This Article is From Jul 29, 2024

तीन स्‍टूडेंट्स की मौत के बाद एक्‍शन में MCD, ओल्ड राजेंद्र नगर में 13 कोचिंग संस्थान सील

दिल्‍ली नगर निगम की टीम रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ को सील करने पहुंची. रविवार देर रात तक जारी कार्रवाई के दौरान 13 कोचिंग सेंटर सील किए हैं.

तीन स्‍टूडेंट्स की मौत के बाद एक्‍शन में MCD, ओल्ड राजेंद्र नगर में 13 कोचिंग संस्थान सील
नई दिल्ली:

दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग केंद्रों (Coaching Centers) के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. निगम एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट' में पानी भर जाने से तीन लोगों की मौत की घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करेगा. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. दिल्ली सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि नगर निगम की एक टीम रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट' को सील करने पहुंची.

रविवार देर रात तक जारी कार्रवाई के दौरान करीब 13 कोचिंग सेंटर सील किए गए. इनमें आईएएस गुरुकुल, चहल अकादमी, प्लूटस अकादमी, साई ट्रेडिंग, आईएएस सेतु, टॉपर्स अकादमी, दैनिक संवाद, सिविल्स डेली आईएएस, करिअर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु, गाइडेंस आईएएस और ‘इजी फॉर आईएएस' शामिल हैं.

नियमों का उल्‍लंघन का आरोप 

बयान में कहा गया, ‘‘ ये कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन कर बेसमेंट में संचालित हो रहे थे और उन्हें मौके पर ही सील कर दिया गया तथा नोटिस चस्पा कर दिया गया.''

उन्होंने बताया कि एमसीडी ने पिछले साल मुखर्जी नगर में एक संस्थान में भीषण आग लगने के बाद ऐसे कोचिंग केंद्रों का सर्वेक्षण किया था.

सुरक्षा उपायों में पाई गई घोर लापरवाही 

ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट' में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत हो गई.

उन्होंने कहा, ‘‘संस्थान के मालिक की ओर से सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने में घोर आपराधिक लापरवाही पाई गई है, क्योंकि ‘बेसमेंट' में स्थित पुस्तकालय अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था और इसमें केवल एक ही प्रवेश और निकास द्वार था जो बायोमेट्रिक आधारित था और पानी के कारण बंद हो गया था.''

अधिकारी ने कहा, ‘‘यदि बाहर निकलने का रास्ता खुला होता तो छात्र बच सकते थे. एमसीडी सिर्फ भवन योजना को मंजूरी देती है, लेकिन अगर कोई ‘बेसमेंट' का इस्तेमाल पार्किंग और भंडारण के लिए करने की घोषणा करने के बाद उसका व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करता है, तो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एजेंसी और क्या कर सकती है?''

वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की है और दिल्ली सरकार से बातचीत के बाद एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा जल्द ही की जाएगी.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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