जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पहली फाइटर पायलट (Fighter Pilot) फ्लाइंग ऑफिसर मव्या सूदन (Mawya Sudan) गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) में हिस्सा ले रही हैं. मव्या वायुसेना की आधुनिक एयरक्राफ्ट राफेल उड़ाती हैं. राजौरी की रहने वालीं 25 वर्षीय माव्या ऐसा करने वाली देश की 12वीं महिला फाइटर पायलट हैं. उन्होंने कहा, 'एयरक्राफ्ट जेंडर (महिला-पुरुष) को नहीं देखता है. वायुसेना बहुत ही न्यूट्रल संगठन है. वायुसेना में अभी बहुत सारी महिलाएं आ रही हैं. फाइटर एयरक्राफ्ट चला रही हैं. देश इस मामले में काफी आगे बढ़ चुका है.'
राजौरी के लंबेड़ी गांव की रहने वालीं माव्या ने जम्मू के कार्मल कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की है. उसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ में डीएवी से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. एनडीटीवी ने माव्या सूदन से खास बातचीत की. माव्या सूदन ने कहा, 'महिलाओं के लिए फाइटर प्लेन उड़ाना मुश्किल नहीं है. अनुभव और अभ्यास के साथ टास्क आसान हो जाता है.'
26 जनवरी की परेड में माव्या कहती हैं, 'मैंने परेड में हिस्सा लेने की तैयारी बहुत अच्छे से की है. सुबह 4 बजे से लेकर शाम तक लगी रहती हूं. इस बार काफी अच्छा प्रदर्शन रहेगा. मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है.'
वह आगे कहती हैं, 'महिलाओं को जो भी टास्क दिया जाएगा, उस वह पीछे नहीं रहेंगी. देश की लड़कियों को यही कहना चाहती हूं, जो करना चाहती है उसमें पीछे नहीं रहना चाहिए. यह मत सोचिए कि समाज में संभव होगा या नहीं. जेंडर से जुड़ा समाज में कुछ भी नहीं होता. मेहनत से सब हासिल किया जा सकता है.'
एयरफोर्स को पहली महिला फाइटर पायलट 2016 में मिली
2016 में बिहार की भावना कंठ को वायुसेना में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट का गौरव मिला था. उनके साथ अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह भी फाइटर पायलट बनीं. अवनी मध्य प्रदेश के रीवा से हैं. उनके पिता एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और भाई आर्मी में हैं. भावना बिहार के बेगुसराय की रहने वाली हैं. मोहना गुजरात के वडोदरा की हैं. उनके पिता एयरफोर्स में वारंट ऑफिसर हैं.
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