Masturi Election Results 2023: जानें, मस्तूरी (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

मस्तूरी विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 270582 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 67950 ने बीजेपी उम्मीदवार डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को वोट देकर जिताया था, जबकि 53843 वोट पा सके बसपा प्रत्याशी जयेन्द्र सिंह पाटले 14107 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Masturi Election Results 2023: जानें, मस्तूरी (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 7 तथा 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

आज से 22 साल पहले मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य के उत्तर क्षेत्र में मौजूद है बिलासपुर जिला, जहां बसा है मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 270582 मतदाता थे, और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को 67950 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि बसपा उम्मीदवार जयेन्द्र सिंह पाटले को 53843 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 14107 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में मस्तूरी विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिलीप लहरिया ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 86509 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को 62363 वोट मिल पाए थे, और वह 24146 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी को कुल 54002 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मदन सिंह डहरिया दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 44794 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 9208 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे. इन्हीं नतीजों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह की 15 साल तक चली सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, क्योंकि इस चुनाव में BJP महज़ 15 सीटें अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली, इसे समझने के लिए वर्ष 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नज़र डालनी होगी. उस समय BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर 1 फीसदी से भी कम रहा था. अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.