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This Article is From Jun 23, 2022

मराठी अभिनेत्री केतकी चितले रिहा हुईं, शरद पवार के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्‍ट पर हुई थी गिरफ्तारी

राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्‍ट करने के मामले में गिरफ्तार मराठी अभिनेत्री केतकी चितले (Ketki Chitale) गुरुवार को जेल से रिहा हो गई.

मराठी अभिनेत्री केतकी चितले रिहा हुईं, शरद पवार के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्‍ट पर हुई थी गिरफ्तारी
केतकी ने जेल से निकलने के बाद मीडिया से ज्यादा बात नही की. 
कोलकाता:

राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्‍ट करने के मामले में गिरफ्तार मराठी अभिनेत्री केतकी चितले (Ketki Chitale) गुरुवार को जेल से रिहा हो गई है. हालांकि केतकी ने जेल से निकलने के बाद मीडिया से ज्यादा बात नही की. उन्होने ज्यादातर सवालों के जवाब में  जय हिंद जय महाराष्ट्र ही कहा. मिडिया से हुई बातचीत में उन्होने कहा जब वक्त आएगा तब बात करूगी.  इससे पहले कोर्ट ने केतकी चितले को एक जून तक न्‍यायिक हिरासत में भेजने काआदेश दिया था. बता दें कि केतकी ने पवार के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किया था,  जिसके बाद गोरेगांव पुलिस स्टेशन ने भी मामला दर्ज किया था. 

इससे पहले, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी शरद पवार के बारे में सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर मराठी अभिनेत्री केतकी चिताले की गिरफ्तारी के खिलाफ सुनवाई की और कहा कि पुलिस को राजनीतिक प्रतिशोध के आधार पर कार्य नहीं करना चाहिए था. महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख की ओर से विशेष महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) मिलिंद भारम्बे आयोग के सामने पेश हुए.  इस मामले में सुनवाई की अध्यक्षता एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने की. आयोग ने कहा कि सुनवाई के दौरान उसने भारम्बे से स्पष्टीकरण मांगा कि प्राथमिकी में मानहानि का प्रावधान क्यों किया गया और शिकायतकर्ता कौन था.  इतना ही नहीं, उनसे यह भी पूछा गया कि पोस्ट को पहले कई लोगों द्वारा साझा किए जाने के बावजूद केवल केतकी के खिलाफ कार्रवाई क्यों की गई, और गिरफ्तारी से पहले क्या उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया?

एनसीडब्ल्यू ने यह जानने की कोशिश की कि पुलिस थाने के बाहर केतकी पर हमला करने वाली महिला राकांपा नेताओं के खिलाफ पुलिस ने क्या कार्रवाई की और इस मामले में आईटी अधिनियम की धारा 66ए को क्यों लागू किया गया, जबकि यह धारा पहले ही शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दी है. आयोग ने भारम्बे से कई अन्य मामलों में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा शुरू की गई कार्रवाई के बारे में भी पूछताछ की, जो हाल ही में कथित तौर पर राजनीतिक प्रतिशोध के कारण हुई हैं. 

आयोग ने एक बयान में कहा, “सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत, पुलिस को गिरफ्तारी से पहले आरोपी को नोटिस देना होता है और गैर-संज्ञेय मामलों में मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति लेनी होती है। हालांकि, पुलिस कानून के इस अनिवार्य प्रावधान का पालन करने में विफल रही.''बयान में कहा गया है कि मामले को अगली कार्रवाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

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