- बंदी प्रकाश ने पिछले पैंतालीस वर्षों से माओवादी संगठन में आर्थिक भूमिका निभाई और कई राज्यों में सक्रिय था
- वह कोयला खदानों के कर्मचारियों के माओवादी संगठन का प्रमुख और मीडिया विभाग का इंचार्ज था
- बंदी प्रकाश ने महाराष्ट्र-तेलंगाना और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा क्षेत्रों में कई हिंसक घटनाओं में भाग लिया था
माओवादी संगठन में अहम आर्थिक भूमिका निभाने वाले माओवादी लीडर बंदी प्रकाश ने मंगलवार को तेलंगाना पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. पिछले 45 सालों से माओवादी संगठन में एक्टिव बंदी प्रकाश ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कई व्यापारियों और दूसरे लोगों से संगठन के लिए पैसे इकट्ठा करने में अहम भूमिका निभाई थी.
बंदी प्रकाश कोयला खदानों से जुड़े कर्मचारियों के माओवादी संगठन का हेड था और माओवादियों के मीडिया डिपार्टमेंट के इंचार्ज के तौर पर भी काम करता था. वह कई हिंसक घटनाओं में सीधे तौर पर शामिल था. महाराष्ट्र-तेलंगाना बॉर्डर एरिया, छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर भी एक्टिव था. इन बॉर्डर एरिया में कुछ अहम एनकाउंटर हुए, जिनसे बंदी प्रकाश अक्सर सुरक्षा बलों के हाथों से बच निकलता था.
सभी राज्यों ने मिलकर बंदी प्रकाश पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम रखा है और जब से बंदी प्रकाश जैसा अहम लीडर सरेंडर कर रहा है, माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है. यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों की कार्रवाई, सरकार की पुनर्वास नीति और माओवादी आंदोलन के कम होते प्रभाव का परिणाम माना जा रहा है.
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