मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर भूस्खलन के बाद मलबे से तीन और शव बरामद होने के बाद इस घटना में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर अब 20 हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव अभियान के तहत अब तक प्रादेशिक सेना के 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचा लिया गया है, जबकि 44 लोग अभी भी लापता हैं.
टुपुल यार्ड में रेलवे निर्माण शिविर में बुधवार एवं बृहस्पतिवार की दरम्यानी रात भूस्खलन हुआ था. अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. अधिकारियों ने बताया कि प्रादेशिक सेना के कम से कम 15 कर्मियों की भूस्खलन में जान गयी है. सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनआरडीएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा खोज एवं बचाव अभियान चलाया जा है.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है. दिन में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि इस भूस्खलन में उनके राज्य से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई है एवं 16 अन्य लापता हैं.
सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘ यह जानकर दुख हुआ कि मणिपुर के भूस्खलन में असम के मोरीगांव का एक व्यक्ति अपनी जान गंवा बैठा, पांच का उपचार चल रह है जबकि 16 अन्य अब भी लापता हैं.'' उन्होंने लिखा, ‘‘मंत्रिमंडलीय सहयोगी श्री पीयूष हजारिका बचाव अभियान में समन्वय करने के लिए यथाशीघ्र मणिपुर पहुंचेंगे.'' मणिपुर के राज्यपाल एल. गणेशन ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है.
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