इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) और कुकी वूमेन ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ने साइबोल-ट्विचिन में एक हिंसक घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) से हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर लाठीचार्ज किया है. इस विरोध-प्रदर्शन के जरिए वे सुरक्षा बलों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
कुकी संगठन सैबोल गांव में 31 दिसंबर को सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं पर कथित रूप से लाठीचार्ज किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.एक अधिकारी ने बताया कि हमलावरों ने गांव में केंद्रीय बलों, खासकर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की लगातार तैनाती पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए कार्यालय पर पथराव किया और अन्य चीजें भी फेंकी.
कई नेताओं ने संबोधित किया
इस विरोध प्रदर्शन में कुकी समुदाय की कई महिलाओं ने बड़े पैमाने पर भाग लिया और सुरक्षा बलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, प्रदर्शनकारियों को कुकी काउंसिल, आईटीएलएफ महिला विंग और कुकी महिला मानवाधिकार संगठन के नेताओं के अलावा अन्य लोगों ने संबोधित किया.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. को संबोधित एक ज्ञापन. सुब्रमण्यम को डीसी चुराचांदपुर के माध्यम से भी प्रस्तुत किया गया था.
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