Mandal Election Results 2023: जानें, मांडल (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

मांडल विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 245989 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 59645 ने कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल जाट को वोट देकर जिताया था, जबकि 51580 वोट पा सके निर्दलीय प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह (हैप्पी बन्ना) 8065 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Mandal Election Results 2023: जानें, मांडल (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के मेवाड़-हड़ौती क्षेत्र में मौजूद है भीलवाड़ा जिला, जहां बसा है मांडल विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 245989 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल जाट को 59645 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह (हैप्पी बन्ना) को 51580 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 8065 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में मांडल विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कालू लाल गुर्जर ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 91813 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राम पाल शर्मा को 50379 वोट मिल पाए थे, और वह 41434 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में मांडल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार राम पाल शर्मा को कुल 58696 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी कालू लाल गुर्जर दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 56380 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 2316 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.