बनर्जी ने कहा, ‘‘थोड़ा विश्वास रखें...हम एक साथ चर्चा करेंगे, वे चुनावों में व्यस्त थे, हम त्योहारों में व्यस्त थे...हर राज्य की अपनी समस्या है...हम हर इंच लड़ने के लिए तैयार हैं.'' पश्चिम बंगाल में टीएमसी-कांग्रेस और वामदलों के बीच गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा समूह की भलाई के लिए यह कदम उठाना ही होगा. उन्होंने कहा, ‘‘अगर उनके पास असली वजह है तो मुझे कोई समस्या नहीं है. बंगाल में उनके (कांग्रेस) पास केवल दो सीटें हैं...मैं बातचीत के लिए तैयार हूं.''
बनर्जी ने कहा, ‘‘पहले आपको मानसिक रूप से तैयार होना होगा, सैद्धांतिक रूप से सहमत होना होगा, फिर हो सकता है कि एक, दो राजनीतिक दल सहमत न हों, लेकिन अगर अधिकांश राजनीतिक दल एक-एक करके सीट बंटवारे के लिए सहमत होते हैं, तो अपने आप सभी एक साथ आ जाएंगे.'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मेरा किसी के साथ कोई मतभेद नहीं है, मेरे राजनीतिक मतभेद हैं...लेकिन मुझमे प्रतिशोध की कोई भावना नहीं है, मैं किसी के भी साथ काम कर सकती हूं.'' वाम दलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई समस्या नहीं है.''
विपक्षी गठबंधन में भारत राष्ट्र समिति और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे दलों को शामिल करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘किसी को एजेंसी की समस्या है, किसी को क्षेत्रीय समस्या है, इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगी. अगर ‘इंडिया' गठबंधन मजबूत हो तो हर कोई शामिल होगा.'' मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर बनर्जी ने कहा कि उसके गठबंधन में शामिल होने की संभावना नहीं है. बनर्जी ने कहा कि एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम एजेंसियों के दबाव में नहीं आएंगे. हम लड़ेंगे.''
उन्होंने भाजपा के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हमें किसी व्यक्ति से दिक्कत नहीं है, हमें उनकी विचारधारा से दिक्कत है.'' बनर्जी ने सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान जैसे भाजपा के नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘मैं यह नहीं कहूंगी कि वे बुरे लोग हैं.'' खासकर हिंदी पट्टी में भाजपा के बढ़ते प्रभाव पर एक सवाल के जवाब में बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा मजबूत नहीं है, हम कमजोर हैं. हमें इससे निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.''
उन्होंने यह भी कहा कि वह हिंदी पट्टी और अन्य क्षेत्रों के बीच भेदभाव नहीं करतीं. प्रधानमंत्री मोदी को तीसरा कार्यकाल मिलेगा, भाजपा के इस दावे पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख बनर्जी ने कहा कि वह नहीं मानतीं कि 2024 का अभी कुछ तय है. हालांकि, बनर्जी ने स्वीकार किया कि भाजपा ‘इंडिया' गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती है और कहा कि उनके पास ‘‘धन बल'' है जो विपक्ष के पास नहीं है.
बनर्जी ने कहा, ‘‘उनके पास बहुत पैसा है, कोई सवाल नहीं कर सकता. लेकिन कुछ राजनीतिक दलों के पास जो भी थोड़ा पैसा है, वे (सरकार) इसे छीनने के लिए एजेंसियां भेज रहे हैं. बाहुबल, धनबल, एजेंसी की ताकत...और विपक्ष के पास कोई शक्ति नहीं है. केवल उनकी आवाज है, वह भी पूरी तरह से खत्म कर दी गई है.'' गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के चेहरे पर बनर्जी ने कहा कि कोई भी फैसला चुनाव के बाद लिया जाएगा. बनर्जी ने कहा, ‘‘जब इतने सारे राजनीतिक दल एक साथ हैं, तो यह एक लोकतंत्र है, अलग-अलग राज्य हैं, अलग-अलग विचार हैं, अलग-अलग राय हैं, लेकिन अंततः ‘इंडिया' एक ऐसा मंच है जहां हम एक साथ लड़ रहे हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के पास कोई सहयोगी नहीं है. राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) खत्म हो गया है. हम ऐसे नहीं हैं. चुनाव के बाद हमें नतीजे देखने होंगे और फिर प्रधानमंत्री उम्मीदवार की घोषणा करनी होगी. सभी पार्टियां इस पर फैसला करेंगी.''बनर्जी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गैर भाजपा दलों के शासन वाले राज्यों के लिए केंद्रीय कोष में कटौती करके संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनका गृह राज्य ‘‘सबसे बड़ा शिकार'' है.
बनर्जी तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली में हैं, इस दौरान उनका बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने और पश्चिम बंगाल के लिए लंबित केंद्रीय धन के मुद्दे पर चर्चा करने का कार्यक्रम है. बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने बंगाल के लिए सारा पैसा रोक दिया है. केवल एक कर है, जीएसटी. वे कर एकत्र कर रहे हैं, राज्य सरकारें नहीं कर रही हैं. वे विपक्षी दल शासित हर राज्य में संघीय ढांचे को ध्वस्त कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल सबसे बड़ा शिकार है.''
उन्होंने कहा, ‘‘अब वे हर योजना के लिए प्रधानमंत्री का नाम और भाजपा का चिन्ह देने को कह रहे हैं...अगर वे हमसे भारत सरकार का प्रतीक चिह्न देने को कहते तो हमें कोई समस्या नहीं थी. या फिर भारत सरकार और बंगाल सरकार, दोनों का प्रतीक चिन्ह दें.''मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे यह नहीं थोप सकते कि हमें भाजपा का चुनाव चिह्न देना होगा. जी20 के दौरान हमने कुछ नहीं कहा क्योंकि वह एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम था. लेकिन अब हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते.''इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर अपनी राय के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा कि 100 प्रतिशत पेपर ट्रेल रिकॉर्डिंग होनी चाहिए. बनर्जी ने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचा पहले से ही मौजूद है, हम इसे लागू क्यों नहीं कर रहे हैं?''
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)