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अमेरिका के गुआम में आज से शुरू हुआ मालाबार नौसैनिक अभ्यास, आईएनएस सह्याद्री ने दर्ज की दमदार उपस्थिति

अभ्यास के हार्बर चरण में नौसैनिक अभियान योजना और विमर्श, संचार प्रोटोकॉल का समन्वय, भागीदार देशों के बीच पारस्परिक परिचयात्मक दौरे और खेल प्रतियोगिताएं शामिल होंगी. इसके बाद सभी भागीदार देशों की नौसैनिक इकाइयां समुद्री चरण के लिये रवाना होंगी.

अमेरिका के गुआम में आज से शुरू हुआ मालाबार नौसैनिक अभ्यास, आईएनएस सह्याद्री ने दर्ज की दमदार उपस्थिति
फाइल फोटो
  • अमेरिका में 4 देशों का मालाबार नौसैनिक अभ्यास शुरू जिसमें भारत, अमेरिका, जापान ऑस्ट्रेलिया भाग ले रहे हैं
  • मालाबार अभ्यास के हार्बर चरण में नौसैनिक योजना, संचार समन्वय, परिचयात्मक दौरे और खेल प्रतियोगिताएं शामिल होंगी
  • समुद्री चरण में संयुक्त बेड़ा संचालन, पनडुब्बी-रोधी अभ्यास, गनरी अभ्यास और उड़ान अभियानों पर ध्यान केंद्रित
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भारत और अमेरिका बीच बीते कई महीने से जारी टैरिफ वॉर की तल्खियों के बीच अमेरिका के गुआम में चार देशों का मालाबार नौसैनिक अभ्यास आज से शुरु हो गया. इस नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए नौसेना का स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस सह्याद्री उत्तरी प्रशांत क्षेत्र गुआम पहुंचा. मालाबार एक वार्षिक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है, जिसमें अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान की नौसेना हिस्सा लेती हैं.

अभ्यास में क्या होगा? 

अभ्यास के हार्बर चरण में नौसैनिक अभियान योजना और विमर्श, संचार प्रोटोकॉल का समन्वय, भागीदार देशों के बीच पारस्परिक परिचयात्मक दौरे और खेल प्रतियोगिताएं शामिल होंगी. इसके बाद सभी भागीदार देशों की नौसैनिक इकाइयां समुद्री चरण के लिये रवाना होंगी. सी फेज में संयुक्त बेड़ा संचालन, पनडुब्बी-रोधी अभ्यास, गनरी अभ्यास और उड़ान अभियानों पर केंद्रित जटिल नौसैनिक ड्रिल होंगी. शिवालिक क्लास के आईएनएस सह्याद्री का इस अभ्यास में हिस्सा लेना भारत की दीर्घकालिक साझेदारी, क्षेत्रीय सुरक्षा सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता, बेहतर समन्वय और उन्नत अंतरसंचालन क्षमता को प्रदर्शित करता है.

कब शुरू हुआ मालाबार?

शुरुआत में यह अभ्यास भारत और अमेरिका की नौसेना के बीच 1992 में एक द्विपक्षीय अभ्यास के तौर पर शुरु हआ था. बाद में 2007 में इस अभ्यास में जापान और आस्ट्रेलिया के जुड़ने से यह बहुपक्षीय हो गया. पिछले साल यह अभ्यास भारत के विशाखापट्टनम में हुआ था. इस अभ्यास का मकसद क्वॉड देशों के बीच सामरिक सहयोग मजबूत करना है. नौ दिन तक चलने वाले इस अभ्यास को हार्बर फेज और सी फेज में बांटा गया है.       

आईएनएस सह्याद्री की भागीदारी

आईएनएस सह्याद्री स्वदेशी रुप से डिजाइन्ड और निर्मित पोत है. यह एक गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है, जो आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा का प्रतीक है. इससे पहले आईएनएस सह्याद्री कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों तथा नौसैनिक तैनातियों में सफलतापूर्वक भाग ले चुका है. इस अभ्यास में आईएनएस सह्याद्रि की भागीदारी भारत की स्थायी साझेदारी का हिस्सा है. यह आपसी समन्वय को मजबूत करने, अंतर-संचालन बढ़ाने का एक मजबत प्रयास है. साथ ही क्षेत्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने की  यह भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि भी करता है. हलांकि, क्वॉड देश यह कह चुके है कि मालाबार चीन के खिलाफ नहीं है, फिर भी चीन को हमेशा यही लगता है कि चार देशों के इस अभ्यास का मकसद कहीं न कहीं चीन के प्रभाव को रोकना है.

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