Makrana Election Results 2023: जानें, मकराना (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

मकराना विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 239471 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 87201 ने बीजेपी उम्मीदवार रूपा राम को वोट देकर जिताया था, जबकि 85713 वोट पा सके कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर हुसैन गेसावत 1488 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Makrana Election Results 2023: जानें, मकराना (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के मारवाड़ क्षेत्र में मौजूद है नागौर जिला, जहां बसा है मकराना विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 239471 मतदाता थे, और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार रूपा राम को 87201 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार जाकिर हुसैन गेसावत को 85713 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 1488 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में मकराना विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार श्रीराम भींचर ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 74274 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार जाकिर हुसैन गेसावत को 62496 वोट मिल पाए थे, और वह 11778 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में मकराना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार जाकिर हुसैन को कुल 42906 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी श्रीराम दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 33151 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 9755 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.