फिदायीन आतंकियों ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में सुबह सेना के एक कैंप को निशाना बनाया. राजौरी के दारहाल में आतंकियों ने एक आर्मी कैंप में घुसने की कोशिश की. इस दौरान सेना और आतंकियों की बीच फायरिंग शुरू हो गई, जिसमें सेना के तीन जवान शहीद हो गए. जबकि सेना ने दो फिदायीन आतंकियों को मार गिराया. इसके साथ ही सेना की दो जवान जख्मी भी बताए जा रहे हैं, जिनका नजदीकी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. सेना के जवान शहीद होने की सेना की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है. आतंकियों ने इससे पहले भी कई बार भारतीय सेना पर हमला किया है. 2019 में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. 2019 के बाद से आतंकियों के बड़े हमलों पर एक नजर...
2019 के बाद से बड़े आतंकी हमले...
- फरवरी, 2019 में पुलवामा में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर आतंकवादी हमला किया गया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे...
- अक्टूबर, 2021 में पुंछ में महीने भर तक मुठभेड़ चली, जिसमें नौ जवान शहीद हुए... यह इस क्षेत्र में पिछले 18 साल में हुआ पहला बड़ा ऑपरेशन था...
- दिसंबर, 2021 में ज़ेवन (श्रीनगर के निकट) में पुलिस बस पर हमला किया गया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी मारे गए थे...
- अप्रैल, 2022 में जम्मू में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की बस पर हमला हुआ, जिसमें दो सुरक्षाकर्मी मारे गए थे...
- राजौरी में गुरुवार को हुआ फिदायीन हमला फरवरी, 2018 में संजवान कैम्प पर हुए आतंकी हमले के बाद पहला हमला है, जो भारतीय सेना पर किया गया...