राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान दौरे का ब्यौरा दिया
नई दिल्ली:
सोमवार को कांग्रेस नेताओं के विरोध प्रदर्शन से राज्यसभा की कार्यवाही में काफी बाधाएं पैदा हुई और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पाकिस्तान दौरे का ब्यौरा अनसुना रह गया। दरअसल पंजाब के अबोहर में दो दलित व्यक्तियों के हाथ-पांव काटे जाने की घटना के विरोध में कांग्रेस नेताओं ने राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
कांग्रेस सदस्यों ने सदन में पंजाब सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और यही वजह रही कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा सदन में अपने पाकिस्तान दौरे के संबंध में दिया गया बयान भी गुस्साए कांग्रेस सदस्यों के हंगामे में दबकर रह गया। सुषमा जैसे ही अपना बयान पढ़ने के लिए उठीं, कांग्रेस के सदस्य सभापति की आसंदी के पास जमा होकर सरकार के खिलाफ ''दलित विरोध' का नारा लगाने लगे। साथ ही पंजाब सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी की।
फार्म हाउस की वारदात
हालांकि इतने हंगामे के बावजूद विदेश मंत्री अपना बयान पढ़ती रहीं। उप-सभापति पी.जे. कुरियन ने प्रदर्शनकारी सदस्यों से कहा कि यह सर्वाधिक अलोकतांत्रिक व दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ सदस्यों ने सदन में अव्यवस्था ला दी है। इसके बाद सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दी गई लेकिन दोबारा शुरू होने के बाद वही नजारे फिर से देखने को मिला। संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी।
बता दें कि शनिवार को पंजाब के सत्तारूढ़ अकाली दल के एक नेता के फार्म हाउस पर दो दलित व्यक्तियों के कथित तौर पर हाथ-पांव काट दिए गए। दो में से एक पीड़ित भीम टांक ने अस्पताल जाते समय ही दम तोड़ दिया था। वहीं, गुजरंत सिंह का एक हाथ काट दिया गया और वह अस्पताल में भर्ती है। इस मामले में भारी हंगामे के बाद सभापति एम. हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस सदस्यों ने सदन में पंजाब सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और यही वजह रही कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा सदन में अपने पाकिस्तान दौरे के संबंध में दिया गया बयान भी गुस्साए कांग्रेस सदस्यों के हंगामे में दबकर रह गया। सुषमा जैसे ही अपना बयान पढ़ने के लिए उठीं, कांग्रेस के सदस्य सभापति की आसंदी के पास जमा होकर सरकार के खिलाफ ''दलित विरोध' का नारा लगाने लगे। साथ ही पंजाब सरकार को बर्खास्त करने की मांग भी की।
फार्म हाउस की वारदात
हालांकि इतने हंगामे के बावजूद विदेश मंत्री अपना बयान पढ़ती रहीं। उप-सभापति पी.जे. कुरियन ने प्रदर्शनकारी सदस्यों से कहा कि यह सर्वाधिक अलोकतांत्रिक व दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ सदस्यों ने सदन में अव्यवस्था ला दी है। इसके बाद सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दी गई लेकिन दोबारा शुरू होने के बाद वही नजारे फिर से देखने को मिला। संसदीय मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी।
बता दें कि शनिवार को पंजाब के सत्तारूढ़ अकाली दल के एक नेता के फार्म हाउस पर दो दलित व्यक्तियों के कथित तौर पर हाथ-पांव काट दिए गए। दो में से एक पीड़ित भीम टांक ने अस्पताल जाते समय ही दम तोड़ दिया था। वहीं, गुजरंत सिंह का एक हाथ काट दिया गया और वह अस्पताल में भर्ती है। इस मामले में भारी हंगामे के बाद सभापति एम. हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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