Pahalgam Terrorist Attack: " वहां पर लोग कुल 9 लोग थे. जिसमें मैं, मेरे पापा, मेरी मम्मी और मेरे दो मामा और मामी के साथ उनके बच्चे को थे. पहले तो आतंकियों ने पूछा कि हिंदू कौन है और मुस्लिम कौन है, जैसे ही मेरे पापा ने हाथ उठाया तुरंत ही उन लोगों ने गोली मार दी. मेरा हाथ पापा के सिर के करीब था तो मेरे पापा का खून मेरे हाथ पर गिरा, पहले तो लगा कि मेरे हाथ में गोली है, लेकिन डर के मारे हम लोग नीचे झुके हुए बैठे रहे, जब कुछ देर बाद आवाजें शांत हुईं और हम लोग उठे तो देखा मेरे फादर की आधी खोपड़ी का पता नहीं था." यह कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले में महाराष्ट्र के संजय लेले के बेटे का.
एनडीटीवी से बातचीत में संजय लेले के बेटे ने हर्षल लेले ने बताया कि जब जहां पर आतंकी हमला हुआ, वहां पर एक फूड स्टाल है. वहां पर हम लोग खाने के बाद निकलने वाले ही थे कि इस बीच फायरिंग की आवाज आई.
लोकल ने नीचे झुकने को बोला
पहले तो हम लोगों ने एक दो फायरिंग के साउंड इग्नोर किए, क्योंकि वहां पर कई सारी गेम एक्टिविटी हो रही थी तो हमें लगा कि उधर का कुछ आवाज होगा. हालांकि, कुछ देर फायरिंग के राउंड बढ़ गए. जिससे हम लोग समझ गए कि टेररिस्ट अटैक है. वहां के लोकल ने हमें बताया कि नीचे झुक जाओ, नहीं तो ये लोग मार डालेंगे. इस पर हम नीचे झुक गए. मैंने खुद वहां पर एक टेररिस्ट देखा.
हिंदू-मुस्लिम को अलग होने को कहा
उनको बोला, "आप बाजू हट जाओ, वरना आपको भी गोली मार देंगे." लेकिन उन लोगों ने उनकी बेटी और वाइफ को छोड़ा नहीं और पेट में गोली मार दी. इस दौरान उन लोगों ने कहा कि हिंदू अलग-अलग हो जाओ और मुस्लिम अलग हो जाओ. इस दौरान हमारे में से एक दो लोग मुस्लिम थे तो पहले वे बाजू में हट गए. वापस उन लोगों ने फिर पूछा कि हिंदू कौन है, मुस्लिम कौन. मेरे पापा ने हाथ खड़ा किया तो तुरंत उनके सिर में गोली मार दी.
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