NDTV पर शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या.
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले में आतंकियों ने जिन 26 लोगों की हत्या की, उसमें एक नाम कानपुर के कारोबारी शुभम द्विवेदी का था. 30 साल के शुभम अपनी पत्नी आशान्या द्विवेदी के साथ कश्मीर घुमने गए थे. मंगलवार को शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या द्विवेदी ने एनडीटीवी से खास बातचीत में उस दिन की पूरी घटना बताई. आशान्या ने बताया कि हम 2.10 के आस-पास बैसरन घाटी पहुंचे थे. वहां कई सारे फुड स्टॉल लगे थे. हम लोगों ने मैगी का ऑर्डर दिया. वहीं पास में हम लोग मैगी खा रहे थे. तभी 2.22 के आस-पास शुभम की पापा से बात हुई कि हम लोग यहां सही से पहुंच गए हैं.
हिंदू हो या मुसलमान, हिंदू बोलते ही मारी गोली
तभी एक आतंकी आया और सीधे पूछा कि हिंदू हो या मुसलमान. हमने पूछा क्या हुआ भैया. फिर उसने कहा कि हिंदू हो या मुसलमान, मुसलमान हो तो कलमा पढ़ें. हमने कहा कि हिंदू हैं. मेरा यह जवाब पूरा ही हुआ था कि उनसे शुभम को गोली मार दी. गोली लगते ही शुभम मेरे ऊपर गिर गया. उसके शरीर से खून बह रहा था.
बैसरन के अलावा कश्मीर में हर जगह आर्मी थी तैनात
कश्मीर में हम लोग और भी कई जगहों पर घूमे. जगह-जगह आर्मी की तैनाती थी. हर जगह चेकपोस्ट बने थे. पुलिस और आर्मी की तैनाती से हमलोगों को कही डर नहीं लग रहा था. हमलोग बिल्कुल बेफ्रिक थे. लेकिन पहलगाम और बैसरन घाटी की घटना के बारे में हमने सोचा भी नहीं था.
'चारों तरफ गोलियों की आवाज और लोगों की चीखें सुनाई दे रही थी': पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी अशान्या द्विवेदी #Pahalgam | #JammuKashmir | @anantbhatt37 pic.twitter.com/ts4qNQoBNI
— NDTV India (@ndtvindia) April 29, 2025
आतंकियों ने शुभम को बनाया था सबसे पहला निशाना
आशान्या द्विवेदी ने बताया कि आतंकियों ने सबसे पहला निशाना मेरे पति को ही बनाया था. यदि पहले गोली चली होती तो हम भाग जाते. लेकिन हमें यकीन ही नहीं हो रहा था कि यह क्या हो रहा है. मेरे वहां पहुंचने से पहले कई लोग वहां बैठे थे. फैमिली थी. लोग मस्ती कर रहे थे. फोटो ले रहे थे.
सिर्फ गोली ही नहीं मारी, मरे या नहीं ये भी चेक कर रहे थे आतंकीः आशान्या
आशान्या द्विवेदी ने आगे बताया कि आतंकियों ने सिर्फ गोलियां ही नहीं मारी, बल्कि वो यह चेक भी कर रहे थे कि वो मर गया या नहीं. शुभम को गोली मारने के बाद वो लोग आगे भागे. इसके बाद केवल चीखना-चिल्लाना, गोलियों की आवाज बस यहीं सुनाई पड़ रही थी.
इसी साल 12 फरवरी को हुई थी शुभम की शादी
उन्होंने बताया कि मैं शुभम की बॉडी को गोद में लिए बैठी थी. तभी किसी ने मुझे घसीटते हुए दूसरी तरफ ले गए. इस दौरान मेरी जहां भी नजर गई वहां हर तरफ केवल लाश ही लाश दिख रही थी. मालूम हो कि शुभम की शादी इसी साल 12 फरवरी को हुई थी और उनकी हत्या उनकी पत्नी आशान्या के सामने हुई.
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