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This Article is From Oct 26, 2015

महाराष्‍ट्र : स्‍कूल जाने को बस के सफर तक के पैसे नहीं थे, मजबूर किसान की बेटी ने दे दी जान

महाराष्‍ट्र : स्‍कूल जाने को बस के सफर तक के पैसे नहीं थे, मजबूर किसान की बेटी ने दे दी जान
स्‍वाति का फाइल फोटो...
मुंबई: महाराष्‍ट्र के लातूर में रहने वाली 11वीं कक्षा की छात्रा स्‍वाति पिताले एक हफ्ते तक स्‍कूल नहीं जा पाई, क्‍योंकि उसके डेली बस पास की मियाद खत्‍म हो गई थी और माता-पिता के पास उसे रिन्‍यू कराने के पैसे नहीं थे।

14 अक्‍टूबर को 16 वर्षीय छात्रा अपनी मित्र के साथ पिता के टमाटर फार्म पर गई और पर वहां एक शेड में रखा कीटनाशक पी लिया।

किशोरी ने एक बैंक और निजी साहूकारों को सुसाइड नोट में कहा, 'प्‍लीज, मेरे पापा को परेशान मत करना, वो आपके पैसे लौटा देंगे।' उसने अपने परिवार के पास 'बस पास' के लिए भी पैसे न होने की भी कही। वह स्‍कूल न जा पाने को लेकर काफी परेशान थी।

छात्रा द्वारा सुसाइड किए जाने पर शिवसेना ने इसे राज्‍य में अपनी सहयोगी भाजपा की 'अस्वस्थ मानसिकता' के एक उदाहरण के रूप में चिह्नित किया। अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में शिवसेना सूखे से बर्बाद किसानों की मदद करने में नाकाम रहने के लिए सरकार की निंदा की है। शिव सेना ने आरोप लगाया कि सरकार बैंकॉक जाने के लिए डांस ग्रुप को 8 लाख रुपये तो दे सकती है, लेकिन उसके पास स्‍वाति को देने के लिए 260 रुपये नहीं है।

महाराष्‍ट्र में किसी छात्र द्वारा की आत्‍महत्‍या किए जाने का यह दूसरा मामला है। पिछले महीने एक छात्र ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी, क्‍योंकि परिजन उसे कॉलेज भेजने का खर्चा नहीं उठा सकते थे।

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