विज्ञापन

क्या गम है जो छिपा रहे हैं.. फडणवीस को लड्डू खिलाते शिंदे का चेहरा बता गया हाल-ए-दिल!

Maharashtra Chunav Result 2024: महाराष्ट्र की जनता ने अपनी सरकार चुन ली, एकनाथ शिंदे से लेकर अजित पवार तक वो सब मिल गया, जो वो चाहते थे. फिर भी शिंदे अंदर से खुश नहीं... क्या है कारण यहां जानिए...

क्या गम है जो छिपा रहे हैं.. फडणवीस को लड्डू खिलाते शिंदे का चेहरा बता गया हाल-ए-दिल!
Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र चुनाव जीतकर भी एकनाथ शिंदे के चेहरे पर रौनक नहीं दिखी.

चेहरा हाल-ए-दिल बता देता है. खुशी और गम, जाहिर कर देता है. महाराष्ट्र विधासभा चुनाव के नतीजों के बाद महायुति की महाजीत के तीन चेहरे सामने आए. देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार. महायुति के तीन पार्टनर. प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए कुर्सियां लगी थीं. सबसे बड़ी और बीच की कुर्सी पर एकनाथ शिंदे बैठे थे. दाईं तरफ फडणवीस और बाईं ओर अजित पवार बनिस्पत छोटी कुर्सियों पर जमे थे. कुर्सियों और उनके क्रम का जिक्र इसलिए, क्योंकि महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में सबकुछ इसके इर्द-गिर्द ही घूमने वाला है. खैर, तीनों चेहरों पर मुस्कान थी. जाहिर है, महायुति को जैसी जीत मिली है, उससे चेहरों का खिलना लाजिमी था. लेकिन कैमरे शिंदे पर टिके थे. उनके चेहरे के हर हवा-भाव पढ़ रहे थे. बड़ी कुर्सी पर बैठे शिंदे मुस्कुरा रहे थे, लेकिन साथ ही साथ कुछ गम भी छिपा रहे थे. फडणवीस को लड्डू खिलाते उनके हाल-ए-दिल का अंदाजा सभी को हो रहा था. शायद शिंदे को भी आभास है. क्या कुर्सियों का यह क्रम बदल जाएगा? महाराष्ट्र की सियासी हवा में सवाल कई हैं. सस्पेंस कई हैं.      

महाराष्ट्र में दरअसल बीजेपी ने पहली बार ट्रिपल सेंचुरी लगाई है. लेकिन इस बार उसने अपने सारे रेकॉर्ड तोड़ डाले हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 28 सीटों के मुनाफे के साथ बीजेपी 133 सीटें अपनी झोली में डालती दिख रही है. 145 के बहुमत के आंकड़े से महज 12 सीटें दूर. बीजेपी अब महाराष्ट्र की सियासत में बड़े भाई की भूमिका में है. यह उसकी बरसों से दिली ख्वाहिश थी. उसकी पार्टनर शिंदे की पार्टी शिवसेना 57 सीटों और अजित पवार की एनसीपी 41 सीटों पर आगे है. शिंदे की पार्टी को 14 सीटों का फायदा है. जाहिर है उद्धव से उन्होंने असली शिवसेना की जंग जीत ली है. अजित पवार भी  चाचा पर भारी पड़े हैं. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना को जहां महज 20 तो शरद पवार की एनसीपी को10 सीटें मिलती दिख रही हैं. कांग्रेस का हाल और बुरा है. वो महज 15 सीटों पर सिमट रही है. 

Latest and Breaking News on NDTV

दिल से पहले जरा पहले सीटों का हाल देखिए

Latest and Breaking News on NDTV

क्या चल रहा शिंदे के मन में?

Latest and Breaking News on NDTV

एकनाथ शिंदे को उद्धव ठाकरे और उनके नेताओं ने गद्दार से लेकर न जाने क्या-क्या कहा...ऐसे अपशब्द कि लिखना भी मर्यादा के खिलाफ है. एकनाथ शिंदे हर बात पर यही कहते रहे कि उद्धव ठाकरे शिवसेना को अपनी पुश्तैनी जायदाद की तरह समझते हैं. वो कार्यकर्ताओं को अपना नौकर समझते हैं. उद्धव ठाकरे तो इस बार चुनावी सभाओं में सत्ता में आने पर शिंदे को जेल भेजने तक की बात कह रहे थे. ये बातें शिंदे अब तक भूले नहीं हैं.

जीत के बाद अब क्या टेंशन

Latest and Breaking News on NDTV

ऐसे में खुद शिंदे और उनके साथ आए लाखों शिवसैनिकों और विधायकों, सांसदों में भी हर पल एक सवाल तो उठता ही था कि क्या उन्होंने उद्धव का साथ छोड़कर कोई गलती तो नहीं की? असली शिवसेना कौन है और असली शिवसैनिक कौन है? बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर कौन चल रहा है? क्या जनता उद्धव ठाकरे को छोड़कर एकनाथ शिंदे को बालासाहेब ठाकरे की विरासत सौंपेगी. वो विरासत जिसे राज ठाकरे तक न ले सके. जवाब जनता ने दिया और एकनाथ शिंदे की झोली भर दी. फिर भी आज एकनाथ शिंदे उतने खुश नहीं दिखे.

133 ने दूरी बढ़ाई 

Latest and Breaking News on NDTV

कारण भाजपा 133 तक पहुंच गई है. देवेंद्र फडणवीस ने उनकी मुश्किल समय में मदद की. कुर्सी तक सौंप दी ताकी वो उद्धव के सामने खड़े हो सकें. अब 133 का आंकड़ा एकनाथ शिंदे को कुर्सी पर दावा करने से रोक रहा है. वो खुश तो हैं, लेकिन उन्हें पता है कि अब मुख्यमंत्री की कुर्सी उनसे दूर जा चुकी है. वो चाहकर भी दावा नहीं कर सकते, फिर भी वो निराश नहीं दिखे. कारण अब वो अपने दम पर बालासाहेब के सपनों को पूरा कर रहे हैं.

अजित पवार को क्या मिला?

Latest and Breaking News on NDTV

इधर, अजित पवार को भी महाराष्ट्र की जनता ने जीवनदान दे दिया. वो खुद अपनी सीट तक जीत पाने का दावा नहीं कर पा रहे थे. अंत समय तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि परिवार के सदस्य के चुनाव लड़ने के कारण कोई भी फैसला आ सकता है. लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के प्रदर्शन ने सहयोगी दलों के साथ-साथ खुद उनका भी आत्मविश्वास घटा दिया था. आज जब वो आए तो फडणवीस की तरह ही खुश दिखे. वचन दिया कि वो अपने सहयोगी दलों के साथ रहेंगे. चाचा शरद पवार की परछाई से आज अजित पवार की खुद की पहचान बन गई और साफ हो गया कि अजित पवार ने शरद पवार का स्थान लगभग ले लिया है. एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने खास तौर पर कहा कि इस चुनाव ने तय कर दिया है कि शिवसेना और एनसीपी किसकी है.

फडणवीस समुंदर की तरह लौटे?

Latest and Breaking News on NDTV

वहीं फडणवीस अपनी आदत के अनुसार शांत पर जोरदार दिखे. न तो अधिक उत्साह और न ही अपने साथियों को छोटा साबित करने का कोई अवसर उन्होंने दिया. सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के बाद भी एकनाथ शिंदे को पूरा सम्मान दिया. फड़णवीस ने कहा, "फर्जी कहानी प्रचारित करने और धर्म के आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के विपक्ष के प्रयासों को जनता ने विफल कर दिया. मतदाताओं, भाजपा टीम और पार्टी नेताओं के समर्थन के कारण विपक्ष के 'चक्रव्यूह' को तोड़ने में हम सफल हुए." उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं है और महायुति के नेता मिलकर इस मुद्दे पर फैसला करेंगे." देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की विधानसभा में एक बार उद्धव ठाकरे को कहा था,' मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समुंदर हूं, लौट कर वापस आउंगा'. आज 132 सीटे लाकर उन्होंने सच में जोरदार वापसी की है. मतलब सब कुछ तय है और बस इसे सही तरीके से अल में लाया जाएगा ताकी तीनों दलों के कार्यकर्ताओं का मनोबल कम न हो.   

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com