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महाराष्ट्र चुनाव से पहले MVA में 'महाभारत', विदर्भ को लेकर क्यों खिंची कांग्रेस-उद्धव गुट में तलवारें?

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर चुनाव में पहली बार छह बड़ी पार्टियों के बीच मुकाबला हो रहा है. वोटिंग 20 नवंबर को होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे. BJP ने पहली लिस्ट जारी कर दी है. लेकिन महा विकास अघाड़ी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं फाइनल हो पा रही है.

महाराष्ट्र चुनाव से पहले MVA में 'महाभारत', विदर्भ को लेकर क्यों खिंची कांग्रेस-उद्धव गुट में तलवारें?
मुंबई:

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सहयोगियों के साथ सीटों का समझौता करके ज्यादातर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. वहीं, विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन में सीटों को लेकर माथापच्ची अब भी जारी है. शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि महाविकास अघाड़ी (MVA) में 288 विधानसभा सीटों में से 210 पर सहमति बन गई है. लेकिन कुछ सीटों को लेकर बात अभी जारी है. सीट बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों में MVA के घटक दल कांग्रेस और शिवसेना (UBT) में अनबन की खबरें भी आईं. एक कांग्रेस नेता ने विदर्भ की 7 सीटों पर उद्धव गुट से विवाद होने की बात भी मानी थी.

आइए समझते हैं कि महाराष्ट्र में MVA के बीच कहां कितनी सीटों को लेकर है विवाद? इस विवाद का क्या हो सकता है नुकसान? महाराष्ट्र के विदर्भ को लेकर कांग्रेस इतनी कॉन्फिडेंट क्यों है:- 

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महाविकास अघाड़ी में महाभारत
-महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी यानी MVA में  कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और शरद पवार की NCP (SP) शामिल हैं. 
-कांग्रेस और शिवसेना (UBT) में विदर्भ, नासिक और मुंबई की सीटों पर टकराव है.
-शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने बताया कि 10-12 सीटों को लेकर ही पेंच फंसा है. बाकी सीटों को लेकर सहमति बन चुकी है.
-राउत ने तर्क दिया कि इसमें कोई शक नहीं है कि विदर्भ में कांग्रेस का मजबूत बेस है. लेकिन हमारे भी वहां से 4-5 सांसद हैं. अगर हमें भी 1 या 2 सीटें मिल जाए, तो इसमें हर्ज नहीं है.

संजय राउत का बयान ऐसे समय आया है, जब उद्धव ठाकरे की पार्टी के MVA से अलग होने की चर्चाएं चल रही हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी अकेले सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. विवाद की जड़ विदर्भ की सीटें हैं. 

विदर्भ की सीटों को लेकर कांग्रेस इतनी कॉन्फिडेंट क्यों?
विदर्भ में विधानसभा की 62 सीटें आती हैं. यहां शिवसेना (UBT) कम से कम 8 सीटें चाहती है. जबकि कांग्रेस इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. ज्याद सीटों की मांग पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने कहा कि शिवसेना (UBT) महाविकास अघाड़ी में दरार डाल रही है. इस बीच शरद पवार ने भी सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस आलाकमान से बात की है. लेकिन, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस विदर्भ को लेकर अपने कदम पीछे नहीं लेने वाली है. क्यों लोकसभा चुनाव 2024 के बाद विदर्भ में कांग्रेस का कॉन्फिडेंस बढ़ा है. लोकसभा के चुनाव में MVA ने विदर्भ की 10 में से 7 सीटें जीती. विदर्भ में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा. इसीलिए कांग्रेस ज्यादा सीटें छोड़ना नहीं चाहती.

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महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा- "MVA में 17 सीटों पर चर्चा बाकी है. हमारा कुछ सीटों पर ठाकरे गुट के साथ विवाद चल रहा है. गठबंधन में तीन पार्टियां हैं. तीन दलों के बीच सीट शेयरिंग में समय लगता है." वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को बताया कि कांग्रेस कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट मंगलवार (22 अक्टूबर) को आएगी.

सीट बंटवारे को लेकर शरद पवार ने क्या कहा?
महाविकास अघाड़ी में सीट-बंटवारे को लेकर शरद पवार ने कहा, "चर्चा में मैं सीधे तौर पर शामिल नहीं हूं. जयंत पाटिल (पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष) पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. जल्द ही अंतिम फैसला ले लिया जाएगा."

अखिलेश यादव ने MVA से मांगी 12 सीटें 
इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) से 12 सीटें मांगी हैं. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 19 अक्टूबर को धुले विधानसभा सिटी सीट से उम्मीदवार की घोषणा की. अखिलेश यादव ने कहा, "हमने MVA से 12 सीटें मांगी हैं. सीटों की डीटेल्स भी उन्हें भेज दी गई हैं." समाजवादी पार्टी ने 18 अक्टूबर को भिवंडी पूर्व से मौजूदा विधायक रईस शेख, भिवंडी पश्चिम से रियाज आजमी और मालेगांव मध्य से शान-ए-हिंद को प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया था. 

महायुति में कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा?
महाराष्ट्र में महायुति के बीच 18 अक्टूबर को सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल हुआ. BJP 155, शिवसेना 78 और NCP 55 सीटों पर लड़ेंगी. अमित शाह के घर हुई बैठक में छोटी पार्टियों को भी कुछ सीटें दिए जाने पर सहमति बनी थी. BJP अपने कोटे से ये सीटें देगी. 

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BJP ने जारी की 99 कैंडिडेट की पहली लिस्ट
BJP ने सोमवार (21 अक्टूबर) को महाराष्ट्र चुनाव के लिए कैंडिडेट की पहली लिस्ट भी जारी कर दी. लिस्ट में पार्टी ने 79 चेहरे रिपीट किए हैं. 6 ST, 4 SC और 13 महिलाओं को भी टिकट दिया गया है. वहीं, 10 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पहली बार चुनाव लड़ेंगे. 

फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम से लड़ेंगे चुनाव
डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे. महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को कामठी से उतारा गया है. महाराष्ट्र के पूर्व CM अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण को भोकर और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के बेटे संतोष दानवे को भोकरदन सीट से टिकट दिया गया है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
वरिष्ठ पत्रकार रोहित चंद्रावरकर कहते हैं, "महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी (MVA) में विवाद तो है. विदर्भ की 5 से 10 सीटों को लेकर शिवसेना (UBT) और कांग्रेस में पेच फंसा है. शिवसेना (UBT) का आरोप है कि कांग्रेस ने ये सीटें रख ली हैं, लेकिन हमें भी विदर्भ में मौजूदगी चाहिए. मुंबई सिटी को लेकर भी पेच फंसा हुआ है. शिवसेना (UBT) को लगता है कि मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में कभी उसका राज हुआ करता था. अब बर्षा गायकवाड़ की जीत के बाद क्यों न मुंबई में भी उपस्थिति दर्ज कराई जाए. हालांकि, कांग्रेस का तर्क है कि जब मुंबई में उसने इतनी सीटें छोड़ दी है, तो शिवसेना (UBT) विदर्भ में क्यों आना चाहती है. देखना है कि ये विवाद कब तक खत्म होता है."

चंद्रावरकर कहते हैं, "इस विवाद का लोकसभा चुनाव से भी एक कनेक्शन है. आप देखेंगे कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा रहा. उसके बाद 48 में से 14 सीट कांग्रेस को मिल गई. इसके बाद कांग्रेस का कॉन्फिडेंस बहुत बढ़ गया. इससे कांग्रेस के नेताओं की भाषा बदल गई और नेगोशिएशन पैटर्न भी बदल गया. शायद इसलिए कांग्रेस सीटों को लेकर झुकना नहीं चाहती."

महाराष्ट्र में कब वोटिंग?
महाराष्ट्र में सिंगल फेज में 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव हैं. नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को 2024 को खत्म हो रहा है. 

झारखंड में क्या है सीट शेयरिंग फॉर्मूला
महाराष्ट्र से इतर झारखंड में सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर बात फाइनल हो चुकी है. पिछले हफ्ते RJD ने 22 सीटों पर दावेदारी ठोककर हलचल मचा दी थी, लेकिन सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तेजस्वी यादव से मुलाकात हुई. इस बैठक के बाद कहीं जाकर गतिरोध टूटा. इस पूरे टकराव में RJD को न तो फायदा हुआ और न नुकसान. 

झारखंड में सीट बंटवारे का जो फॉर्मूला सामने आ रहा है, उसके मुताबिक JMM 41 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
कांग्रेस 29 सीटों पर कैंडिडेट खड़े करेगी. RJD 7 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. CPI-ML 4 सीटों पर लड़ेगी.

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