मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने घरेलू हिंसा की पीड़िता बालिका या महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने फैसला किया है. इसके साथ ही वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को लेकर भी फैसला लिया गया है. दरअसल, मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. इनमें घरेलू हिंसा की पीड़िता बालिका या महिलाओं को 40 प्रतिशत से कम अंग भंग होने की स्थिति में दो लाख रुपये और इससे अधिक दिव्यांगता पर चार लाख रुपये तक आर्थिक सहायता देने का फैसला शामिल है. इसके अलावा बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को भी मंजूरी दी गई. इसमें उप दुकान खोला जाना वाणिज्यक कर विभाग द्वारा प्रस्तावित किया गया था जिसे मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया.
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राज्य सरकार के प्रवक्ता ग्रह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की घरेलू हिंसा की पीड़िता को सहायता देने संबंधी योजना को मंजूरी दी गई है. बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को मंजूरी दी गई. यह एक अप्रैल 2022 से लागू होगी. वाणिज्यिक कर विभाग ने उप दुकानें खोलना प्रस्तावित था, जिससे मुख्यमंत्री ने अमान्य कर दिया. बाटलिंग फीस में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. बीयर इकाई को किसी पंजीकृत कंपनी को लीज फर दिया जा सकता है. यह ऐसी कंपनी को दिया जाएगा जिसका वार्षिक टर्न ओवर एक करोड़ रुपये से कम नहीं होना चाहिए. अंगूर से शराब बनाने पर वर्ष 2025-26 तक आबकारी शुल्क नहीं लिया जाएगा. जामुन से भी वाइन के निर्माण की अनुमति होगी. भोपाल और इंदौर में माइक्रो ब्रेवरीज खोली जा सकेंगी. शराब दुकानों के ठेके छोटे समूह में दिए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि बैठक में नगरीय क्षेत्रों में शामिल आबादी भूमि के पट्टे दिए जाने के नियम को भी मंजूरी दे दी. इसमें भूमि धारण करने वाले को एक ही भूखंड पर आवासीय और वाणिज्यिक उपयोग करने पर अलग-अलग पट्टे दिए जाएंगे. लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के तहत कंपनी गठित करने का निर्णय भी लिया गया है. यह कंपनी विभिन्न विभागों की परिसंपत्तियों के प्रबंधन का काम देखेगी.
विशेषज्ञों के 25 पदों पर होगी सीधी भर्ती, शेष पदों पर दी जाएगी क्रमोन्नति
कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों की कमी को पूरा करने के लिए 25 प्रतिशत रिक्त पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने का निर्णय लिया गया. साथ ही शेष 75 प्रतिशत पदों पर क्रमोन्नति दी जाएगी. बैठक में आयुष्मान निरामयम योजना के तहत गैस पीड़ित परिवारों को भी शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया. इसके तहत एक साल में उपचार पर पांच तक में योजना के माध्यम से किया जाएगा. इससे अधिक राशि में होने पर गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी.
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