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This Article is From Sep 29, 2023

उज्जैन: "बच्ची की चीख ने मेरी आंखों को किया नम": इंस्पेक्टर बोले-अब गोद लेना चाहता हूं

महाकाल थाना के इंस्पेक्टर अजय ने कहा कि कानूनी पेचीदियों में पड़े बिना भी जिम्मेदारियों को निभाया जा सकता है. गोद लेने का मतलब बच्ची की आर्थिक जरूरतों, पढ़ाई-लिखाई और हेल्थ का ध्यान रखना है.

उज्जैन: "बच्ची की चीख ने मेरी आंखों को किया नम": इंस्पेक्टर बोले-अब गोद लेना चाहता हूं
इंस्पेक्टर ने की रेप पीड़िता बच्ची को गोद लेने की पेशकश

महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain Crime) में नाबालिग के साथ हुई दरिंदगी से पूरा देश आहत है. इस घटना के बाद जहां एक तरफ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठे वहीं दूसरी तरफ खाकी का मानवीय चेहरा भी देखने को मिला.दो पुलिसकर्मियों ने पीड़ित बच्ची को ब्लड डोनेट किया था. इस केस को सुलझने में अहम भूमिका अदा करने वाले इंस्पेक्टर अजय वर्मा (Mahakal police station)अब पीड़ित बच्ची को गोद लेना चाहते हैं. उनका कहना है कि बच्ची का जब इलाज चल रहा था, उस दौरान उसकी चीखों ने उनकी आंखों को भिगोकर रख दिया. बता दें कि इंस्पेक्टर अजय वर्मा के रिटायरमेंट में सिर्फ पौने चार साल बाकी बचे हैं. ऐसे में वह बच्ची को गोद लेकर उसकी जिम्मेदारी उठाना चाहते हैं.एनडीटीवी से उन्होंने खास बातचीत में और भी बहुत कुछ कहा है.

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इंस्पेक्टर अजय से सवाल किया गया कि उनको क्यों लगा कि बच्ची को गोद लेना चाहिए? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस घटना से समाज का क्रूर चेहरा देखने को मिला है. बहुत से लोगों के फोन आ रहे हैं. बच्ची के परिजन भी आने वाले हैं. इसके बाद उनके बैंक खतों की डिटेल पड़वा देंगे, जो भी बच्ची की मदद करना चाहे वह सीधे कर सकता है.

'बच्ची को गोद लेने के लिए तैयार'

जब उनके पूछा गया कि गोद लेने में बहुत सी कानूनी पेचीदियां होती हैं? इस सवाल के जवाब में इंस्पेक्टर अजय ने कहा कि कानूनी पेचीदियों में पड़े बिना भी जिम्मेदारियों को निभाया जा सकता है. गोद लेने का मतलब उसकी आर्थिक जरूरतों, पढ़ाई-लिखाई और हेल्थ का ध्यान रखा जा सके. जो भी जिम्मेदारियां होंगी उनको पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि अगर बच्ची के मां-बाप नहीं मिते तो वह कानूनी तौर पर उसे गोद ले लेते. परिवार अगर सहमति दे तो वह बच्ची को रखने के लिए भी तैयार हैं.

'बच्ची की चीखें सुनकर आंखें हुईं नम'

इंस्पेक्टर अजय से पूछा गया कि बच्ची को गोद लेने के पीछे की वजह प्रायश्चित है या आपकी सोच? इस पर इंस्पेक्टर ने कहा कि भगवान ने उनको बेटी नहीं दी है. लेकिन इलाज के दौरान बच्ची की चीखें सुनकर उनकी आंखें नम हो जाती थीं कि उसको भगवान इतनी तकलीफ क्यों दे रहा है. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद वह वह ईश्वर से कहते थे कि अब वही इस परेशानी को हल करेंगे. उन्होंने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना के बाद आरोपी बहुत ही जादुई तरीके से मिल गया.

ऑटो ड्राइवर ने की थी बच्ची से हैवानियत

बता दें कि 24-25 सितंबर की रात को सतना की रहने वाली नबालिग बच्ची के साथ उज्जैन में एक ऑटो ड्राइवर ने हैवानियत की थी. महाकाल थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया था कि उनको ये सूचना मिली थी कि बच्ची अर्धनग्न हालत में सड़क पर घूम रही है लेकिन वह इस हालत में नहीं है कि कुछ भी बता सके. मेडिकल के बाद उसके साथ रेप की पुष्टि हुई थी. बच्ची के प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट आई थी. इलाज के लिए उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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