विज्ञापन

Ground Report: खराब टॉयलेट, टूटी छत, गंदा पानी .. मध्य प्रदेश के स्कूलों की बदहाल तस्वीर डरा रही

कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल का कहना है कि प्रदेश के लिए चिंता का विषय है कि बच्चों का मोह स्कूल से खत्म हो रहा है. सरकार ने बजट बढ़ाया है बजट का पैसा कहां जा रहा है? 2016 से 23 तक 80% बजट बढ़ाया गया यह कहां जा रहा है.

Ground Report: खराब टॉयलेट, टूटी छत, गंदा पानी .. मध्य प्रदेश के स्कूलों की बदहाल तस्वीर डरा रही
मध्य प्रदेश के स्कूलों की बदहाल तस्वीर.
भोपाल:

मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा पर 7 साल में सरकार ने 80% खर्च बढ़ा दिया इसके बावजूद स्कूल बुनियादी सुविधा (MP Schools Poor Condition) से जूझ रहे हैं. बच्चों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. हालात कुछ ऐसे हैं कि प्रदेश के 3 हज़ार 620 स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग से शौचालय नहीं है. 12 लाख से अधिक बच्चे स्कूलों में घट गए. आज भी 13198 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के खजूरी कलां स्थित एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला का हाल भी बदहाल है. 8वीं तक का ये सरकारी स्कूल मूलभूत सुविधाओं के आभाव से जूझ रहा है. छात्रों का कहना है कि एक बार स्कूल की छत से एक टुकड़ा उनकी शिक्षक के सर पर गिर गया था. बारिश में छत से पानी टपकने लगता है. टॉयलेट इस्तेमाल करने लायक नहीं है, पीने के पानी के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है. कैमरे पर तो नहीं लेकिन जिम्मेदारों ने बताया कई बार प्रशासन को बता चुके हैं, खत लिखा है लेकिन होता कुछ नहीं. 

Latest and Breaking News on NDTV

मध्य प्रदेश में स्कूलों का हाल जानिए 

  • MP में 13198 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे हैं
  • मध्यप्रदेश में कुल 1 लाख 23 हजार 412 स्कूल हैं
  • 3 हजार 620 स्कूलों में बालिकाओं के लिए अलग टॉयलेट नहीं है
  • 10 हजार 702 स्कूलों में बच्चियों के लिए बनाए गए टॉयलेट किसी के काम के नहीं
  • 7 हजार 966 स्कूलों में हैंडवॉश की सुविधा नहीं है
  • 7 हज़ार 422 स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है

शौचालयों का बुरा हाल-लड़के-लड़कियां परेशान

जहां शौचालय बनाए गए वह इस्तेमाल करने लायक नहीं है. ऐसी तस्वीर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे इन शौचालयों का इस्तेमाल किया जाए. शौचालय बना तो हुआ है लेकिन वह फंक्शनल नहीं है, इस्तेमाल करने लायक नहीं है. कई बार ऐसी परिस्थितियां भी बनती हैं कि बालक बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय होने के बावजूद दोनों एक ही शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

 मध्यप्रदेश में एक ओर सरकार ने स्कूली शिक्षा पर 7 साल में खर्च 80% तक बढ़ा दिया तो दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में 12 लाख से अधिक बच्चे कम हो गए. कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल पर विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों का हाल जानिए

  • 2016 से 2023 -2024 तक 12 लाख 23 हज़ार 384 बच्चे कम हुए
  • कक्षा 1 से 5 में 635434 बच्चे कम हुए
  • कक्षा 6 से 8 में 483171 स्टूडेंट्स कम हो गए
  • कक्षा 9 से 12 में 104479 बच्चे कम हुए
  • स्कूल शिक्षा पर खर्च साल 2016-17 में 16226.08 करोड़ था
  • इसे 80% बढ़ाकर 2023-24 में 29468.03 करोड़ कर दिया गया

MP के स्कूलों में क्यों घट रहे बच्चे?

 स्कूल शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में लिखित में बताया 0 से 6 आयु वर्ग के बच्चों की जनसंख्या में कमी, चाईल्ड ट्रेकिंग के कारण डाटा की शुद्धता और छात्रों का शाला से बाहर हो जाना स्कूलों में नामांकन में कमी के मुख्य कारण हैं. कांग्रेस विधायक  प्रताप ग्रेवाल का कहना है कि प्रदेश के लिए चिंता का विषय है कि बच्चों का मोह स्कूल से क्यों खत्म हो रहा है. सरकार ने बजट बढ़ाया है बजट का पैसा कहां जा रहा है? 2016 से 23 तक 80% बजट बढ़ाया गया यह कहां जा रहा है. 

Latest and Breaking News on NDTV

बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार

वहीं बीजेपी प्रवक्ता  अजय धवले का कहना है कि कांग्रेस यह प्रश्न उठा ही नहीं सकती. उसने मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को खत्म कर दिया था, उसके शासनकाल में मध्य प्रदेश में जीरो बजट था ,भारतीय जनता पार्टी की सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए काम कर रही है ,हमने सीएम राइज राज स्कूल खोले हैं और बच्चों की बेहतरी के लिए काम करेंगे. 

शिक्षा पर खर्च तो बढ़ा, हालात नहीं सुधरे

बता दें कि कागजों और सरकारी दावों से जमीन पर हकीकत अलग है. जहां स्कूली शिक्षा पर सरकार ने 80 फीसदी तक खर्च बढ़ा दिया लेकिन इसके बावजूद मध्य प्रदेश के स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं बच्चों को मुहैया नहीं हो पाई. तमाम जर्जर स्कूल मरम्मत मांग रहे हैं, छात्रों पर खतरा मंडरा रहा है, ऐसे में ड्रॉप आउट बच्चों की बढ़ती संख्या भी चिंता बढ़ती है. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com