छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की सीमा पर सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में मारे गए 1 करोड़ 80 लाख के इनामी नक्सली माड़वी हिड़मा का आज उसके पैतृक गांव पुवर्ती में अंतिम संस्कार कर दिया गया. उसके साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे का भी अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जिसमें बस्तर की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी भी शामिल थी. वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.
कितने हमलों की बनाई थी योजना
माड़वी हिड़मा पर छत्तीसगढ़ में हुए कई माओवादी वारदातों की साजिश रचने का आरोप था. इन हमलों में सैकड़ों आम लोगों और सुरक्षा बलों के जवानों की मौत हुई थी. उस पर 2013 में झीरम घाटी नरसंहार की भी साजिश रचने का आरोप था, जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व की मौत हो गई थी.
उस पर सुकमा जिले के ताड़मेटला में छह अप्रैल 2010 को हुए हमले की भी योजना बनाने का आरोप था, जिसमें सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे. इसे देश में सुरक्षा बलों पर हुआ सबसे बड़ा हमला माना जाता है. वहीं सुकमा जिले के झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर भी हमला करने का आरोप हिड़मा पर था. यह हमला 25 मई 2013 को हुआ था. इसमें नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था और 27 लोगों की हत्या कर दी थी. मारे गए लोगों में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल थे.
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