गंदी सी कमीज में नजरें नीची करके 55 साल का अधेड़ शख्श मेरठ की कचहरी में गुमसुम बैठा था। उसके सामने ठंडी हो चुकी चाय पर मक्खियां अब भी भिनभिना रही थी। मानो वो अंदर से टूट गया हो और मेरी हिम्मत उससे सवाल जवाब करने की नहीं हो रही थी।
उसके बगल में बैठी वकील चेतना शर्मा लगातार एक के बाद हमले पुलिस पर किए जा रही थी। ये उसी पीड़ित लड़की के पिता हैं जिसने इसी साल 2 अगस्त को रेप और जबरन धर्म-परिवर्तन का आरोप दूसरे सप्रंदाय के कुछ लोगों पर लगाया था। इसी आरोप की बोतल से लव जिहाद का जिन्नाद निकला था। और देखते ही देखते इसने कुछ नेता के हुक्म पर इसे एक बड़े राजनीतिक बखेड़े में बदल दिया था।
इसी केस में पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। और वो सभी जेल की सलाखों के पीछे है। लेकिन रविवार दोपहर पीड़ित लड़की अपने गांव खरखौदा से भाग कर 20 किमी दूर मेरठ के महिला थाने पहुंची। उसने कहा कि उसकी जान को अपने ही परिवारवालों से खतरा है। और वो अपनी मर्जी से कलीम नाम के लड़के के साथ गई थी।
परिवार के दबाव में आकर उसने रेप का मामला दर्ज कराया था। अब उसी लड़की का पिता कचहरी में बैठा वकीलों से कानूनी राय ले रहा है। पिता का कहना है कि सद्दाम नाम के लड़के ने उसे जबरन महिला पुलिस थाने में लाकर यह बयान दिलवाया है। गांव के कुछ लोग जो लड़की और उसके परिवार के रहनुमा बने थे, अब इस पिता पर लड़की को न संभाल पाने का आरोप लगा सामाजिक बहिष्कार तक की धमकी दे रहे हैं।
इस पिता के सामने एक तरफ लड़की के चलते सामाजिक बदनामी और दूसरी तरफ कोर्ट कचहरी और तमाम राजनीतिक फायनेंसरों का दबाव। राजनीति और जांच की गुत्थी में पीड़ित लड़की और उसका परिवार उलझकर रह गया है।
रेप की बुनियाद पर राजनीतिक महत्वांकाक्षा
पीड़ित लड़की के अब तक तीन बयान हुए हैं। पहला पुलिस के सामने दूसरा मजिस्ट्रेट के सामने, तीसरा रविवार को पुलिस और सिटी मजिस्ट्रेट को दिया गया ताजा बयान। तीनों बयानों में कई झोल हैं।
हालांकि, इस ताजा बयान से इस केस के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, अगर लड़की इसी बयान को कोर्ट में देती है। तो जाहिर तौर पर केस कमजोर पड़ेगा। लेकिन, पीड़ित लड़की से रेप के मामले में बंद कलीम के साथ वो खुद अपनी मर्जी से गई थी। वह उसका प्रेमी है, इस बात का जिक्र उसने अपने हालिया के बयान में किया है।
पीड़ित लड़की ने यह भी कहा कि अभी इस मामले से जुड़ी और सच्चाई सामने आना बाकी है। लेकिन यह तय है कि गांव की प्रधानी से लेकर सूबे की राजनीति करने के लिए इसे हथियार के तौर पर प्रयोग किया गया है।
मेरठ के एसएसपी ओंकार सिंह कहते हैं कि मामला अदालत में है। अभी रेप या जबरन धर्म-परिवर्तन हुआ इस बारे में कुछ कहना मुश्किल है।
अब अगले चुनाव तक ये किसी के लिए मुद्दा नहीं होगा। उन लोगों के लिए भी जिन्होंने परिवार को आर्थिक और सामाजिक मदद देने की बात कही थी। लेकिन, इसमें एक लड़की का भविष्य और पिता का पूरा परिवार जरूर तहस नहस हो गया है, जो अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए मेरठ से दिल्ली मेहनत मजदूरी करने जाता था।
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