प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एनसीपी (NCP) नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. देशमुख ने इस साल अप्रैल में महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. नोटिस 100 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जारी किया गया है. इस मामले के चलते ही उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. ईडी के सूत्रों ने कहा कि देशमुख को देश छोड़ने से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है. उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा जारी किए गए कई समन का जवाब नहीं दिया है.
पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जबरदस्ती कार्रवाई के खिलाफ उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था. देशमुख और अन्य के खिलाफ ईडी का मामला सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के बाद दर्ज किया गया था. ₹ 100 करोड़ रिश्वत के आरोप के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. यह आरोप मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने लगाया था.
परमबीर सिंह ने यह आरोप उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी के मिलने के बाद पद से हटाए जाने के बाद लगाया था. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही करने को कहा था.
21 अप्रैल को, सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. देशमुख, जिन्होंने आरोपों के बाद अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने बार-बार किसी भी गलत काम से इनकार किया है.
ईडी ने अनिल देशमुख के निजी सचिव और निजी सहायक को मुंबई और नागपुर में उनके और राकांपा नेता के खिलाफ छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था. जांच रिपोर्ट लीक होने को लेकर सीबीआई ने पहले उनके दामाद से पूछताछ की थी.
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