बंगाल के साथ ही पंजाब में भी कांग्रेस की बात बनती नहीं दिख रही है. पंजाब के सीएम और अरविंद केजरीवाल के करीबी भगवंत मान ने कह दिया है कि सूबे में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. ऐसे में बड़ा सवाल ये कि ममता की 'ममता' पाने और भगवंत मान को 'मनाने' के लिए कांग्रेस किसकी मदद ले सकती है, ताकि उसका काम बन जाए?
INDIA अलायंस में शामिल नेताओं को देखें तो तीन दिग्गज शरद पवार, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव बातचीत करके ममता बनर्जी को सीट शेयरिंग के लिए मना सकते हैं:-
नीतीश कुमार
बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए नीतीश कुमार ने ही विपक्षी एकता की मुहिम की शुरुआत की थी. वो कई विपक्षी दलों को एक मंच पर लेकर आए थे. नीतीश कुमार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ अच्छा बॉन्ड शेयर करते हैं. अरविंद केजरीवाल के बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ अच्छे संबंध हैं. ऐसे में अगर पहले नीतीश कुमार सीट शेयरिंग के फायदे को लेकर अरविंद केजरीवाल को कॉन्फिडेंस में ले लेते हैं, तो केजरीवाल आगे जाकर ममता बनर्जी को मना सकते हैं. बता दें कि नीतीश कुमार और ममता बनर्जी दोनों NDA का हिस्सा रह चुके हैं.
"हिटलर" बिगाड़ेगा काम? AAP संग सीट शेयरिंग पर बात के बीच कांग्रेस ने क्यों साधा निशाना
मान को भी मनाने में मिलेगी मदद
इसके साथ ही अगर नीतीश कुमार ने दिल्ली में AAP-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग के लिए केजरीवाल को मना लिया, तो जाहिर तौर पर केजरीवाल पंजाब में सीटों के बंटवारे के लिए भगवंत मान को मना लेंगे. इससे कांग्रेस की परेशानी दूर हो सकती है.
लालू प्रसाद यादव और शरद पवार
ममता बनर्जी को मनाने में लालू प्रसाद यादव और शरद पवार भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. INDIA अलायंस में लालू और शरद पवार सीनियर नेता हैं. दोनों की ममता से अच्छी बनती है. ऐसे में ममता को मनाने के लिए कांग्रेस लालू प्रसाद यादव या शरद पवार की मदद ले सकती है.
शरद पवार की पार्टी NCP ने ममता बनर्जी को मनाने के संकेत भी दे दिए हैं. शरद पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ''वह हमारी दीदी हैं और हम उनसे प्यार करते हैं. उनका सम्मान करते हैं. INDIA गठबंधन एकजुट है. हम सब मिलकर लड़ेंगे. गठबंधन को कोई नुकसान नहीं होगा. दीदी हमारे साथ रहेंगी. हर राज्य का मॉडल अलग-अलग है. गठबंधन में कोई अंतर्कलह नहीं है. हम लगातार बातचीत कर रहे हैं.'' सीट शेयरिंग को लेकर बाकी पार्टियों में भी फंसा पेंच
INDIA अलायंस में शामिल 28 पार्टियों में TMC, CPI, CPI (M) और कांग्रेस शामिल हैं. इनमें सीट शेयरिंग को लेकर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और टीएमसी के अलावा दूसरे राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ कांग्रेस की बात नहीं बन पा रही है. सबसे पहले बात यूपी की करते हैं, जहां सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें हैं.
"बॉल बाय बॉल कमेंट्री... " : सीटों पर 'पत्ते' नहीं खोल रही कांग्रेस-AAP, कहां तक पहुंची दोनों की बात
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की बैठकें हो रही हैं, लेकिन बात नहीं बन पा रही. कांग्रेस राज्य में 20-25 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि सपा 10 से ज्यादा सीट नहीं देना चाहती. सपा खुद कम से कम 60 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. सपा अपनी सहयोगी RLD को 5 सीट दिलाना चाहती है. अगर यही स्थिति रही तो यूपी में कांग्रेस के लिए 15 सीटें ही बचेंगी. कांग्रेस को ये मंजूर नहीं है.
बिहार
बिहार की 40 लोकसभा सीटों को लेकर भी बैठकों का दौर चला. नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने RJD-JDU को 17-17, कांग्रेस को 4 और लेफ्ट पार्टियों को 2 सीट दिए जाने का प्रस्ताव रखा. लेकिन यहां कांग्रेस 8-10 सीटें मांग रही है. RJD-JDU को ये मंजूर नहीं है.
दिल्ली
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल शुरुआत से ही सीट शेयरिंग नहीं करने की बात कर रहे हैं. लेकिन बाद में दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों को लेकर AAP और कांग्रेस के बीच कई बार मीटिंग हुई. बैठक में दिल्ली को लेकर AAP और कांग्रेस में गठबंधन पक्की मानी जा रही है. दिल्ली में एक पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि दूसरी 3 सीटों पर. हालांकि, अभी ये तय करना है कि कौन सी पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कौन सी पार्टी दिल्ली की 3 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में कुल मिलाकर यहां भी मामला लटका हुआ ही है.
INDIA गठबंधन में दरार की खबरों के बीच राहुल गांधी नीतीश कुमार से कर सकते हैं बात
पंजाब
बंगाल की तरह कांग्रेस के लिए पंजाब में भी मुश्किलें हैं. यहां लोकसभा की 13 सीटें हैं. अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में लोगों से AAP को सभी 13 सीटें जिताने की अपील की थी. इससे साफ था कि AAP पंजाब में गठबंधन के मूड में नहीं है. अभी 13 में से 8 सीटों पर कांग्रेस के सांसद हैं. कांग्रेस इन 8 सीटों पर दावा कर रही है. पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी कांग्रेस को इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं है. पंजाब के सीएम भगवंत मान भी कह चुके हैं कि वो सूबे में किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.
महाराष्ट्र
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में भी सीट शेयरिंग को लेकर NCP (शरद गुट) और शिवसेना (UBT) के साथ कई दौर की बैठकें की. अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है. यहां शिवसेना 23 और NCP (शरद गुट) 10 सीटों की मांग कर रही हैं, जबकि कांग्रेस 20 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है.
ममता या अधीर - बंगाल में किसकी जिद ने तोड़ी 'INDIA' की एकता...? क्या राहुल कर पाएंगे 'डैमेज कंट्रोल'
बाकी राज्यों का हाल भी देखिए
कांग्रेस की मौजूदा हालत को देखकर अब छोटी क्षेत्रीय पार्टियां भी अपनी बात बेबाकी से रख रही है. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP के साथ चुनाव लड़ेगी. जम्मू की 2 सीट और लद्दाख की एक सीट पर कांग्रेस दावा कर रही है. केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं. इनमें से कांग्रेस 16 और गठबंधन के बाकी दल 4 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं.
दक्षिण राज्य तमिलनाडु में कांग्रेस अच्छा-खासा बारगेन करने की पोजिशन में है. तमिलनाडु में DMK 30 और कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. झारखंड में कांग्रेस JMM के साथ चुनाव लड़ेगी, जबकि ओडिशा में लेफ्ट दलों को 1-2 सीट मिल सकती है. हरियाणा में AAP चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन कांग्रेस उसे एक भी सीट देने के पक्ष में नहीं है.
वहीं, कांग्रेस हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में किसी से भी गठबंधन करने के मूड में नहीं है.
ये भी पढ़ें:-
Analysis: 2024 की जंग में पिछड़ों का मसीहा कौन? PM मोदी ने 'कर्पूरी कार्ड' से INDIA अलायंस को कर दिया बेचैन