लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस भले ही समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के साथ अपना गठबंधन करने में कामयाब हो गई हो, लेकिन उसकी मुश्किलें अभी भी थमी नहीं हैं. कांग्रेस बंगाल और महाराष्ट्र (Congress Alliance) में सीट-बंटवारे की कोशिश में जुटा हुआ है. आम चुनाव बस कुछ ही महीने दूर हैं, ऐसे में INDIA गठबंधन ने अभी तक बीजेपी के खिलाफ अपना कैंपेन तक शुरू नहीं किया है. बंगाल में कांग्रेस को टीएमसी को मनाने के लिए कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ बातचीत फेल होने के बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पहले कहा था कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगी. ऐसा माना जाता है कि अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व वाली राज्य कांग्रेस ने करीब 10 सीटें टीएमसी से मांगी थीं, लेकिन पार्टी सिर्फ दो सीटें ही देने को रोजी थी.
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कांग्रेस को अब भी 'ममता' की उम्मीद..
अधीर रंजन ने ममता बनर्जी के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए उन्हें "अवसरवादी" कहा था. ममता बनर्जी ने पिछले महीने कहा था कि कांग्रेस ने उनके सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा था कि पार्टी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कहा था कि गठबंधन पर कोई भी फैसला चुनाव के बाद लिया जाएगा. कांग्रेस ममता बनर्जी को मनाने की लगातार कोशिश कर रही है. राहुल गांधी का कहना है कि ममता बनर्जी के खिलाफ अधीर की तीखी टिप्पणी का कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
बंगाल में अब तक सीट शेयरिंग पर नहीं बनी कांग्रेस की बात
दोनों दलों के बीच अभी तक सीटों पर सहमति नहीं बन सकी है. अधीर रंजन लगातार टीएमसी पर निशाना साध रहे हैं और उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहिए या नहीं, इस पर पार्टी के भीतर मतभेद हैं. हालांकि वे आधिकारिक तौर पर यह नहीं कह रहे हैं कि गठबंधन बनाने की प्रक्रिया खत्म हो गई है. पहली दुविधा यह है कि पार्टी का एक धड़ा मानता है कि अगर वह INDIA गठबंधन के बिना अकेले चुनाव लड़ते हैं, तो पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यकों को नुकसान होगा. टीएमसी का एक वर्ग चाहता है कि गठबंधन जारी रहे तो दूसरे वर्ग की दुविधा यह है कि अगर गठबंधन को बंगाल में ज्यादा महत्व दिया गया, तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडी, और सीबीआई का इस्तेमाल करेगी. इन दो दुविधाओं की वजह से उन्होंने दावा किया, ''टीएमसी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पाई है.''
कांग्रेस-टीएमसी के झगड़े की वजह से ममता बनर्जी बंगाल में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुईं, जिसकी वजह से बीजेपी को विपक्षी गुट पर एक बार फिर से सवाल उठाने का मौका मिल गया है.
महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग की स्थिति
महाराष्ट्र में भी, गठबंधन ने अब तक सीट-बंटवारे की योजना का ऐलान नहीं किया है. कांग्रेस, शिवसेना (बालासाहेब उद्धव ठाकरे) और एनसीपी के शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट वाले महाविकास अघाड़ी के बीच चर्चा अंतिम चरण में है. राहुल गांधी ने सीटों के गतिरोध पर उद्धव ठाकरे से भी बात की है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस मुंबई की छह लोकसभा सीटों में से तीन- मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई उत्तर पश्चिम पर चुनाव लड़ना चाहती है.वहीं उद्धव ठाकरे कथित तौर पर 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिनमें मुंबई की चार सीटें - मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर पश्चिम, मुंबई उत्तर पूर्व और मुंबई दक्षिण मध्य शामिल हैं. दोनों नेताओं ने गतिरोध से निकलने का रास्ता तलाशने के लिए एक घंटे तक बातचीत भी की.
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