लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के आखिरी फेज के लिए 8 राज्यों की 57 सीटों पर 1 जून को वोट डाले जाएंगे. सातवें फेज के प्रचार का गुरुवार को आखिरी दिन है. आखिरी फेज में पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग होनी है. मतदान से पहले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Dr. Manmohan Singh) ने पंजाब के नाम ओपन लेटर लिखा है. इस दौरान मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)की आलोचना की और भविष्य के लिए कांग्रेस को चुनने की अपील की है. इसके साथ ही कई मुद्दों को उठाते हुए पूर्व पीएम ने बताया कि आखिर सरकार बदलने की क्यों जरूरत है.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने तीन पेज की चिट्ठी में लिखा,"हमारे लोकतंत्र और संविधान को निरंकुश शासन द्वारा बार-बार होने वाले हमलों से सुरक्षित रखने का ये आखिरी मौका है. इस मौके का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं." पूर्व पीएम ने पिछले एक दशक में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के दो कार्यकालों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल पर अफसोस जाहिर किया है.
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निचले स्तर पर पहुंची GDP दर
भारत की अर्थव्यवस्था के विकास और जीडीपी रेट को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, "नोटबंदी की आपदा, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और कोविड महामारी के दौरान खराब मैनेजमेंट से देश में दयनीय स्थिति पैदा हुई. ऐसी स्थिति में 6 से 7 प्रतिशत से कम सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि की उम्मीद सामान्य बात बन गई है."
उन्होंने कहा, "बीजेपी सरकार के दौरान औसत सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6 प्रतिशत से नीचे गिर गई है... कांग्रेस-यूपीए कार्यकाल के दौरान यह करीब 8 प्रतिशत थी. बेरोजगारी और बेलगाम महंगाई ने असमानता को काफी बढ़ा दिया है, जो अब 100 साल के उच्चतम स्तर पर है."
'पिछले 10 साल में, BJP सरकार ने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
— Congress (@INCIndia) May 30, 2024
750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक इंतजार करते हुए शहीद हो गए। जब लाठी और रबर की गोलियों से भी मन नहीं भरा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में… pic.twitter.com/BUU8IZnueM
घरेलू बचत दर 5 साल के सबसे निचले स्तर पर
डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, "यूपीए ने तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारे लोगों की क्रय शक्ति में इजाफा किया है. जबकि बीजेपी के कुशासन की वजह से घरेलू बचत दर 47 साल के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई. वित्त वर्ष 20233-23 में घरेलू बचत गिरकर पांच साल के निचले स्तर 14.2 ट्रिलियन रुपये पर आ गई, जो जीडीपी का 5.3 प्रतिशत है. हालांकि, वित्त वर्ष 2011-12 और वित्त वर्ष 21-22 के बीच (महामारी के साल को छोड़कर) यही आंकड़ा 7 से 8 प्रतिशत के बीच था.
सशस्त्र बलों पर थोपी गई अग्निवीर योजना
पंजाब के मतदाताओं को लिखी चिट्ठी में पूर्व पीएम ने कहा, "मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों पर अग्निवीर योजना थोपा. बीजेपी सोचती है कि देशभक्ति, शौर्य और सेवा का मूल्य सिर्फ 4 साल है. यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है."
किसानों के मुद्दे पर भी केंद्र को घेरा
पूर्व पीएम ने 2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन पर भी केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, "लगभग 750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक इंतजार करते हुए मर गए. लाठियां और रबर की गोलियां काफी नहीं थीं. प्रधानमंत्री ने संसद में 'आंदोलनजीवी' और 'परजीवी' कहकर मौखिक रूप से भी हमारे किसानों पर हमला बोला.'
आय दोगुनी का वादा नहीं हुआ पूरा
पूर्व पीएम ने कहा, "मोदीजी ने 2022 तक हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पिछले 10 वर्षों में उनकी नीतियों ने कमाई कम कर दी है... किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक आय मात्र 27 रुपये प्रति दिन है, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 27,000 रुपये है." पूर्व प्रधानमंत्री ने यूपीए सरकार की 3.73 करोड़ किसानों की 72,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी पर भी प्रकाश डाला.
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देश में बढ़ी आय असमानता, युवाओं के पास नौकरी नहीं
डॉ. मनमोहन सिंह ने वेतन असमानता पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "मार्च में वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब की एक रिपोर्ट आई, जिसमें कहा गया था कि आज भारत के सबसे अमीर लोगों के पास पिछले 100 वर्षों में किसी भी समय की तुलना में राष्ट्रीय आय का बड़ा हिस्सा है. देश में आय की असमानता बढ़ रही है. बेरोजगार युवाओं की संख्या बढ़ रही है."
मोदी ने कम की प्रधानमंत्री पद की गरिमा
पूर्व पीएम ने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी पर भी कमेंट किए. उन्होंने कहा- "पीएम मोदी ने चुनाव के दौरान हेट स्पीच का सबसे घिनौना तरीका अपनाया. इतिहास में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के एक खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए ऐसे घिनौने और असंसदीय शब्द नहीं बोले हैं. मोदी प्रधानमंत्री पद की गरिमा और गंभीरता को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं."
बता दें कि पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर आखिरी फेज में 1 जून को वोटिंग होगी. यहां INDIA गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं. जबकि बीजेपी 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है. पहले अकाली दल के साथ गठबंधन की बात चल रही थी. लेकिन ऐन वक्त पर अकाली दल से गठबंधन से इनकार कर दिया था.
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