विज्ञापन
This Article is From May 23, 2024

इलाहाबाद में 1984 का वो चुनाव जब महिलाओं ने अमिताभ बच्चन को वोट के बदले दे दिया था 'किस'

इलाहाबाद में वैध घोषित चार लाख 36 हजार 120 मतों में से अमिताभ बच्चन को दो लाख 97 हजार 461 वोट मिले. वहीं उनके प्रतिद्वंदी हेमवती नंदन बहुगुणा को एक लाख नौ हजार 666 वोट मिले. अमिताभ बच्चन ने वह चुनाव एक लाख 87 हजार 795 वोटों के विशाल अंतर से जीता था.

इलाहाबाद में 1984 का वो चुनाव जब महिलाओं ने अमिताभ बच्चन को वोट के बदले दे दिया था 'किस'
नई दिल्ली:

सदी के महानायक का दर्जा रखने वाले अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan)ने भी एक बार राजनीति में कदम रखा था.दरअसल अमिताभ बच्चन ने अपने बचपन के मित्र राजीव गांधी (Rajiv Gadnhi) के कहने पर इलाहाबाद लोकसभा सीट (Allahabad Loksabha Seat) से चुनाव लड़ा था. उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की हत्या के बाद दिसंबर 1984 में यह चुनाव कराया गया था. इलाहाबाद का यह चुनाव इतिहास और इलाहाबादियों के दिल में दर्ज है. अमिताभ बच्चन ने जीत का जो रिकॉर्ड बनाया, उसे आज तक कोई भी नेता नहीं तोड़ पाया.

इलाहाबाद में बच्चन बनाम बहुगुणा

अपने मित्र राजीव के कहने पर अमिताभ इलाहाबाद के समर में उतरे थे. दरअसल अमिताभ बच्चन और गांधी परिवार का इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से विशेष नाता है. अमिताभ बच्चन की जन्मभूमि इलाहाबाद है तो राजीव गांधी की मां इंदिरा गांधी का जन्म भी इलाहाबाद में ही हुआ था.इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अमिताभ को इलाहाबाद के समर में उतारा था. इलाहाबाद में उन्हें चुनौती दी थी,लोकदल के हेमवती नंदन बहुगुणा ने.उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके बहुगुणा मूल रूप से आज के उत्तराखंड के रहने वाले थे, जो उस समय उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा हुआ करता था.वो इलाहाबाद में ही बस गए थे. वो 1971 में कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद से एक बार सांसद भी चुने गए थे.

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मुंबई में मतदान करते अमिताभ बच्चन और जया बच्चन.

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मुंबई में मतदान करते अमिताभ बच्चन और जया बच्चन.

इलाहाबाद ऐसी लोकसभा सीट है, जिसका प्रतिनिधित्व देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, मुरली मनोहर जोशी, जनेश्वर मिश्र जैसे दिग्गज नेता कर चुके हैं. साल 1984 में इलाहाबाद से अमिताभ के चुनाव लड़ने की वजह से चुनाव की कमान कांग्रेस के हाथ से निकलकर जनता के हाथ में चली गई थी. उस समय इलाहाबाद में अमिताभ बच्चन के नाम की आंधी चल रही थी. एक बार तो ऐसा हुआ कि चुनाव प्रचार के समय अमिताभ बच्चन और बहुगुणा आमने-सामने मिल गए. अमिताभ ने बहुगुणा जी को प्रणाम किया, तो उन्होंने उन्हें 'विजयी भव:'का आशीर्वाद दे दिया.उनका यह आशीर्वाद सच भी साबित हुआ. 

'लावारिस' का जवाब 'डॉन' ने दिया

एक दूसरा किस्सा यह है कि लोकदल ने प्रचार के लिए कुछ पोस्टर लगवाए थे, जिन पर लिखा था- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है. दरअसल यह अमिताभ बच्चन की फिल्म 'शराबी'के एक गाने की लाइन थी. इस गाने का इस्तेमाल अमिताभ के मुंबई से इलाहाबाद आकर चुनाव लड़ने पर तंज था. इसका जवाब अमिताभ बच्चन ने मेजा रोड में आयोजित जनसभा में दिया था. उन्होंने कहा था,''बहुगुणा जी मेरे पिता समान हैं. मेरे माता-पिता ने हमेशा बुजुर्गों का सम्मान करना सिखाया. इसमें मेरा क्या कसूर है, मैं इलाहाबाद की धरती पर पैदा हुआ हूं, मैं देश-दुनिया में जहां कहीं भी जाता हूं, लोग मुझे वो देखो अमिताभ बच्चन...छोरा गंगा किनारे वाला कहकर पुकारते हैं.'' इस तरह अमिताभ बच्चन ने अपनी फिल्म 'डॉन'के एक गाने से लोकदल के पोस्टर का जवाब दिया था. लोकदल के कार्यकर्ताओं ने यह नारा भी लगाया था,'सरल नहीं संसद में आना, मारो ठुमके गाओ गाना' और 'दम नहीं है पंजे में लंबू फंसा शिकंजे में'.

मतपत्रों पर मिले लिपिस्टिक के निशान

इलाहाबाद के कुछ पुराने जानकार बताते हैं कि अमिताभ बच्चन जब प्रचार के लिए शहर की गलियों में निकलते थे तो घरों की बॉलकनी में खड़ी लड़कियां अपने दुपट्टे हवा में उड़ा दिया करती थीं. चुनाव प्रचार के बाद मतदान वाले दिन तो और भी गजब हो गया. मतदान पांच बजे तक होता था, लेकिन कई मतदान केंद्रों पर इतने लोग जमा हो गए थे कि देर रात तक मतदान होता रहा.मतदान के बाद जब मतगणना शुरू हुई तो करीब 10 हजार मतपत्र ऐसे मिले जिन पर महिलाओं ने अमिताभ बच्चन के नाम के आगे अपने लिपिस्टिक से निशान लगा दिए थे. चुनाव नियमों के तहत इन मतपत्रों के रद्द कर देना पड़ा.

अब तक नहीं टूटा है अभिताभ बच्चन का रिकॉर्ड

उस चुनाव में इलाहाबाद में कुल वैध घोषित किए गए चार लाख 36 हजार 120 मतों में से अमिताभ बच्चन को दो लाख 97 हजार 461 वोट मिले. उन्हें कुल 68.21 फीसदी वोट मिले थे. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी लोकदल के हेमवती नंदन बहुगुणा को एक लाख नौ हजार 666 वोट मिले थे. उन्हें केवल 25.15 फीसदी वोट मिले थे. इस तरह अमिताभ बच्चन ने वह चुनाव एक लाख 87 हजार 795 वोटों के विशाल अंतर से जीत लिया था.उस चुनाव में इलाहाबाद से कुल 26 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.लेकिन अमिताभ बच्चन और बहुगुणा के अलावा कोई भी अपनी जमानत नहीं बचा पाया था. पिछले चुनाव में बहुगुणा की बेटी रीता बहुगुणा जोशी बीजेपी के टिकट पर इलाहाबाद से उम्मीदवार थीं, लेकिन वो भी अमिताभ बच्चन का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाईं. जोशी ने यह चुनाव एक लाख 84 हजार 275 वोटों से जीता था. इस तरह वो अमिताभ के रिकॉर्ड से तीन हजार 520 वोट से पीछे रह गई थीं. 

Latest and Breaking News on NDTV

अमिताभ बच्चन ने क्यों छोड़ी राजनीति?

इतनी बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भी अमिताभ बच्चन बहुत समय तक सांसद नहीं रह पाए. बोफोर्स घोटाले में नाम आने के बाद से अमिताभ बच्चन ने 1987 में संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.हालांकि अमिताभ ने एक ब्लॉग में राजनीति को अलविदा कहने का कारण असम में चुनाव प्रचार के दौरान हुई एक घटना को बताया था.उनके इस्तीफे के बाद 1988 में कराए गए उपचुनाव में जनमोर्चा के वीपी सिंह ने जीत दर्ज की थी. बाद में वो 1989 के चुनाव के बाद देश के प्रधानमंत्री बने.

इलाहाबाद में 1984 में कांग्रेस को मिली सफलता इस सीट पर अंतिम सफलता साबित हुई. उसके बाद से इस सीट से जीत कांग्रेस को आज तक नसीब नहीं हुई है. हार के इस सूख को खत्म करने के लिए कांग्रेस एक बार फिर 2024 के चुनाव में इलाहाबाद के मैदान में उतरी है. वहां उसने उज्ज्वल रमण को उम्मीदवार बनाया है.वो इलाहाबाद से सांसद रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे रेवती रमण सिंह के बेटे हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने नीरज त्रिपाठी को टिकट दिया है. वो बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे केशरीनाथ त्रिपाठी के बेटे हैं. 

ये भी पढ़ें: दुनिया के सबसे पुराने 'गणतंत्र' का सियासी रण, क्या वीणा से वैशाली छीन पाएंगे मुन्ना शुक्ला

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com