आजादी से पहले, 1942 के ‘भारत छोड़ो' आंदोलन में हिस्सा लेने वाली लीलाबाई चितले (93) गुरुवार को कुछ समय के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो' यात्रा में शामिल हुईं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने महाराष्ट्र के अकोला जिले की बालापुर तहसील के वडेगांव में पैदल मार्च में शामिल हुईं चितले का एक वीडियो संदेश ट्वीट किया. रमेश ने ट्वीट में कहा, ‘‘वह चाहती हैं कि यात्रा संविधान बचाने पर केंद्रित हो.'' वीडियो संदेश में चितले ने कहा, ‘‘9 अगस्त 1942 को मैं बारह साल की थी. महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो' का नारा दिया था...मैं और मेरी दो सहेलियां एक कॉलेज के पास (अंग्रेजों के खिलाफ) नारे लगाते हुए पकड़े गए थे.''
चितले ने कहा, ‘‘हम सिर्फ 12 साल के थे, इसलिए हमें उसी शाम (पुलिस द्वारा) छोड़ दिया गया. लेकिन मेरे पिता और भाई साढ़े तीन साल जेल में रहे. देश को आजादी उस तरह नहीं मिली, जैसी आज बताई जाती है.'' उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम में समाज के सभी वर्गों और धर्मों के लोगों ने भाग लिया.'' चितले ने आगे कहा, ‘‘ये लोग (भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने वाले) संविधान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.''
93 वर्षीय लीलाबाई चितले से मुलाक़ात बेहद प्रेरणादायक रही। इन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था और आज महाराष्ट्र के बालापुर के पास #BharatJodoYatra में शामिल हुईं। वह चाहती थीं कि यात्रा संविधान बचाने पर फोकस हो। उन्होंने हमारे साथ एक सुंदर संदेश साझा किया। pic.twitter.com/3nB35weTxg
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 17, 2022
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