सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation) यानी एलआईसी (LIC) को 10 साल के भीतर 25 प्रतिशत मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) हासिल करने की छूट दी है. सार्वजनिक क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
LIC में अब सरकार की 96.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी मई 2022 में सूचीबद्ध हुई थी. सरकार ने इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग या आईपीओ ( IPO) के माध्यम से एलआईसी में 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी.कंपनी में फिलहाल सरकार की 96.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
मई 2032 तक MPS के लिए वन टाइम डिस्काउंट
एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने ‘एलआईसी को सूचीबद्धता की तारीख से 10 साल के भीतर यानी मई 2032 तक 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (Minimum Public Shareholding) हासिल करने को लेकर एक वन टाइम डिस्काउंट दिया है.
इस साल की शुरुआत में नियमों में संशोधन
आपको बता दें कि सरकार ने इस साल की शुरुआत में नियमों में संशोधन किया था. यह संशोधन इसलिए किया गया था कि सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों को निजीकरण के बाद भी जरूरत के अनुसार जनहित में 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित की आवश्यकता से छूट मिले.
कंपनी के शेयरों की कीमत की बात करें तो बीते दिन LIC का शेयर 0.73% की बढ़त के साथ 766.80 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था.
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